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अब श्वानो में होने वाले प्रत्येक बीमारी की होगी जल्द पहचान : डॉ मेंहदीरत्ता

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, झारखंड, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश से आए 14 पशु चिकित्साधिकारियों ने भाग लिया ।

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Sudhakar Shukla
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बरेली,वाईबीएन संवाददाता

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान का प्रशिक्षण शिविर

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के वेट्नरी  क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स में आल इंडिया नेटवर्क प्रोग्राम ऑन  एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट ऑन केनाइन  (एआरपीसी) के अंतर्गत 6 दिवसीय  प्रशिक्षण कार्यक्रम ” श्वानों में नैदानिक और उन्नत चिकित्सीय तकनीक विषय पर शुरू किया गया।  इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में  देश के विभिन्न राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, झारखंड, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश से आए 14 पशु चिकित्साधिकारियों ने भाग लिया ।

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आईवीआरआई निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ एस के मेंदीरत्ता ने कहा कि आईवीआरआई लगातार ऐसे  प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर मानव संसाधन विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।  उन्होने  कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से श्वानों  में  न केवल बीमारियों का सटीक व शीघ्र पहचान तथा फील्ड में कार्य कर रहे पशु चिकित्साधिकारियों को प्रभावी उपचार करने में सहायता मिलेगी। इसमें पालतू पशुओं को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा मिल सकेगी । यह पहल पालतू पशु चिकित्सा क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है।

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सभी रोगो के बारे में विस्तार से बताया

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इस अवसर पर  पाठ्यक्रम निदेशक तथा संस्थान के रेफरल पोली क्लीनिक प्रभारी डॉ अमरपाल ने बताया कि इस पाठ्यक्रम में श्वानों में फील्ड में होने वाले सभी रोग चाहे वह शल्य चिकित्सा, औषधि या गायनोकॉलोजी से संबंधित हों  के बारे में विस्तार से बताया जाएगा एवं हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अतिरिक्त  प्रतिभागियों को क्लीनिकल डायग्नोसिस, रेडियोग्राफी, अल्ट्रासोनोग्राफी, तथा परजीवी संबंधी बीमारियों  के बारे बताया जाएगा ।

कार्यक्रम का संचालन डॉ यू के डे  द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभिजीत पावड़े  द्वारा दिया गया इस अवसर पर पार्जेविकी  विभाग के प्रधान वैज्ञानिक एवं यू जी कोर्डिनेटर डॉ  रजत गर्ग, डॉ संजीव महरोत्रा, डॉ ए  सी सक्सेना, डॉ रोहित कुमार, डॉ  रघुवरन, सहित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

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