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Photograph: (रुहेलखंड अभिभावक संघ)
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Photograph: (रुहेलखंड अभिभावक संघ)
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
नए शैक्षिक सत्र में सीबीएसई और आईसीएसई के निजी स्कूलों ने 15 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी की है, इसके साथ ही हर साल बदलने वाले कोर्स को लेकर अभिभावक परेशान हैं। सोमवार को रुहेलखंड अभिभावक सेवा संघ की ओर से बरेली डीएम को पांच सूत्री ज्ञापन देकर निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की।
ज्ञापन में अभिभावक संघ ने कहा कि निजी स्कूल इस साल अभिभावकों से पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक फीस वसूली रहे हैं, जोकि नियमविरुद्ध हैं। फीस बढ़ोतरी 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही निजी स्कूल हर साल बच्चों के पाठ्यक्रम में बदलाव कर देते हैं, इससे अभिभावकों को नई पुस्तक खरीदनी पड़ती है, इससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। कहा कि पाठ्यक्रम में हर वर्ष बदलाव न करके 3 वर्ष में करने का प्रावधान होना चाहिए।
ज्ञापन में कहा कि पुस्तक विक्रेता मनमाने ढंग से पुस्तकों का वितरण करते हैं। अभिभावकों को एमआरपी पर पुस्तकों की बिक्री करते हैं, जबकि एनसीईआरटी की पुस्तकें का मूल्य उनके मुकाबले काफी कम होता है। उन्होंने पुस्तक विक्रेताओं के साथ बैठक कर सही मूल्य निर्धारण करने की मांग की।
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ज्ञापन में अभिभावक संघ ने कहा कि यह अक्सर देखने में आया है कि कई स्कूलों के प्रधानाचार्य अभिभावकों से मिलने से मना कर देते हैं। इससे अभिभावकों की मनोदशा पर विपरित प्रभाव पड़ता है। उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेकर आदेश पारित करने को कहा कि कोई भी प्रधानाचार्य अभिभावकों से मिलने से मना न करे। इसके अलावा ज्ञापन में उठाए गए बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के साथ अभिभावक संघ की बैठक कराने की मांग की। इस दौरान विशाल मेहरोत्रा, शोभित सक्सेना, रामकृष्ण शुक्ला, हैदर अली, नितेश कपूर आदि मौजूद रहे।
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