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आम की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कीट और रोग प्रबंधन जरूरी

उद्यान विभाग ने आम की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कीट और रोग प्रबंधन की सलाह दी है। जिला उद्यान अधिकारी जितेंद्र कुमार के मुताबिक बौर निकलने से लेकर फल लगने तक का समय आम के लिए बेहद संवेदनशील होता है।

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KP Singh
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

बरेली। उद्यान विभाग ने आम की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कीट और रोग प्रबंधन की सलाह दी है। जिला उद्यान अधिकारी जितेंद्र कुमार के मुताबिक बौर निकलने से लेकर फल लगने तक का समय आम के लिए बेहद संवेदनशील होता है। इस समय आम की फसल को भुनगा, मिज कीट और खर्रा रोग नुकसान पहुंचा सकते हैं। आम के बागों में भुनगा पत्तियों और छोटे फलों का रस चूसकर हानि पहुंचाता है। इससे प्रभावित भाग टूटकर गिर जाता है। यह कीट मधु की तरह पदार्थ छोड़ता है, जिससे पत्तियों पर काले रंग की फफूंद जम जाती है। 

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बचाव के लिए यह करें उपाय

भुनगा और मिज कीट से आम की फसल को बचाने के लिए बागवान इमिडक्लोप्रिड 17.1% एसएल दो मिलीलीटर प्रति लीटर पानी या क्लोरपाइरीफास 1.5% दो मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। खर्रा रोग के प्रकोप से ट्राइडोमार्फ एक मिली लीटर प्रति लीटर या डायनोकेप एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।इसके साथ ही उन्होंने कीटनाशक छिड़काव करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी।  

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