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बरेली।शाही के गौसगंज में 19 जुलाई 2024 की रात दूसरे समुदाय के लोगों के पथराव और मारपीट में पूर्व प्रधान हीरालाल के बेटे तेजपाल की मौत के बाद रिश्तेदारों में रह रहे दूसरे समुदाय के 11 परिवारों को पुलिस ने गुरुवार को दोबारा से बसाया हैं। जबकि इससे पहले पुलिस ने छह परिवारों को बसा चुका था। एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने सभी को दोबारा से बसाया हैं।
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परिवारों में कुल 39 लोग शामिल
इसमें रुकसाना, परवीन, शबनम, सफिकन, शाहेनूर, मोमिन, सहाना, साबिया, हाजरा, अरमाना, लइकन शामिल हैं। इससे पहले छह परिवारों को बसाया गया था, जबकि गुरुवार को 11 अतिरिक्त परिवारों को सुरक्षा और भरोसे के माहौल में वापस बसाया गया। एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर, सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने गौसगंज क्षेत्र में पलायन करने वाले दूसरे समुदाय के परिवारों को दोबारा से बसाने का कार्य किया।
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सपा नेताओं ने भी किया बसाने का प्रयास
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी सहायता देने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया। इस हिंसा के कारण कई परिवार भयभीत होकर अपने घरों में लगे ताले के साथ पलायन कर गए थे। हीरालाल ने घटना के खिलाफ 50 नामजद और 25-30 अज्ञात व्यक्तियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके तहत लगभग 51 लोगों को जेल में बंद कर दिया गया। तेजपाल का इलाज के दौरान निधन हो गया। गौसगंज में 19 जुलाई 2024 की रात को हुए दंगे में दूसरे समुदाय के निवासियों ने पथराव और लाठी-डंडे से हमला किया था। इस हिंसक घटना में पूर्व प्रधान हीरालाल के पुत्र तेजपाल सहित कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
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कानून व्यवस्था हुई बहाल
सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने कहा, “हमने सभी संबंधित परिवारों के साथ संपर्क कर उन्हें समझाया है और सुनिश्चित किया है कि वे सुरक्षित रूप से अपने घर वापस आ सकें। हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदाय में शांति और स्थिरता बनाए रखना हैं। फिलहाल गौसगंज में शांति की वापसी का संकेत मिल रहा हैं। पुलिस की तत्पर कार्रवाई से कानून व्यवस्था बहाल हुई है और पलायन किए गए परिवारों को सुरक्षित बसाया जा रहा हैं।