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बरेली। कवि गोष्ठी आयोजन समिति एवं विशिष्ट बचपन के संयुक्त तत्वावधान में बदायूं रोड पर सरस काव्य गोष्ठी, पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रणधीर प्रसाद गौड़ 'धीर' ने की। मुख्य अतिथि व्यंग्यकार दीपक मुखर्जी 'दीप' रहे।
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विशिष्ट बचपन पत्रिका' का विमोचन अथिति कवियों ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्रथम सत्र में लोकप्रिय कवयित्री राजबाला धैर्य द्वारा रचित 'विशिष्ट बचपन पत्रिका' का विमोचन अथिति कवियों ने किया। द्वितीय सत्र में साहित्यिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार गणेश पथिक, शाहजहांपुर के प्रख्यात कवि प्रदीप बैरागी को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न प्रदान करके कार्यक्रम संयोजिका राजबाला धैर्य व संस्था के सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने सम्मानित किया।
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एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत करी
तृतीय सत्र में सरस काव्य गोष्ठी हुई जिसमें कवियों ने अपनी एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने अपना गीत इस प्रकार प्रस्तुत किया-
मत रूठो अब छोड़ो गुस्सा, प्रेम- रंग जीवन में छाया। आ जाओ भुजपाशों में तुम, मौसम आज वसंती आया।।
कवयित्री राजबाला धैर्य ने सुनाया -
भाव पुष्प हृदय में लेकर करते हम सब भारत मां का वंदन। आम, नीम, बरगद और पीपल, महक रहा है शीतल चंदन।
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रामकुमार अफरोज ने अपना शेर इस प्रकार कहा -
चुटकुले इतने चुटीले हो गए,
शायरी के पेंच ढीले हो गए।
रमेश रंजन आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर संतोष कुमार श्रद्धा, भारतेंद्र सिंह, विनीत सक्सेना रामधनी निर्मल, रामकुमार अफरोज, राजकुमार अग्रवाल, कुमार आदित्य यदुवंशी, डॉ अखिलेश गुप्ता, सात्विक चौधरी, बीना, रीतेश साहनी, रमेश रंजन आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मनोज दीक्षित टिंकू ने किया।