/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/18/ZoKMHqTBLI8aNdm4lrDE.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। इसके विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कड़ी प्रक्रिया दी है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि रमजान का महीना खुदा की इबादत का महीना है। यह महीना धरना प्रदर्शन के लिए नहीं है। वैसे धरना प्रदर्शन करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। मगर, रमजान के महीने में धरना प्रदर्शन का कोई अचित नहीं है।
इसे भी पढ़ें-आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने की मोहम्मद शमी की तारीफ
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनला बोर्ड के जिम्मेदारान कह रहे हैं कि देश में मुसलमानो को खतरा है। मुसलमान सुरक्षित नहीं है। मैं इन लोगों को बताना चहता हूं कि देश में मुसलमान आजादी के साथ अपने धार्मिक त्यौहार, नमाज, रोजा , हज ,जकात, जुलूस और उर्स आदि के प्रोग्राम आजादाना तौर पर पूरे भारत में मनाता है। कोई भी व्यक्ति या हुकूमत मुसलमानो के धार्मिक कार्यक्रमों में बाधा नहीं डालती । इसलिए ये कहना कि मुसलमानो को खतरा है। वह सुरक्षित नहीं हैं, सरासर ग़लत गुमराह करने और अफवाह करने वाली बातें हैं।
इसे भी पढ़ें-Valentine Day शरीयत के खिलाफ, मुसलमान न मनाए यह त्योहार: मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी
मौलाना ने कहा कि मुस्लिम पर्सनला बोर्ड वक्फ संशोधन बिल के विरोध में जंतर-मंतर दिल्ली पर धरना प्रदर्शन करने जा रहा है।,धरना प्रदर्शन से अपनी आवाज बुलंद करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। प्रत्येक नागरिक को संविधान ने अधिकार दिए हैं। बिल्कुल करिए। मगर, रमजान का महीना खुदा की इबादत के लिए है। धरना प्रदर्शन के लिए नहीं। साल के 12 महीनों में रमजान का एक महीने में मुसलमान पवित्रता के साथ रोजा रखता है। नमाज पढ़ता है। कुरआन शरीफ की तिलावत करता है। वह अपनी धार्मिक गतिविधियों में रात व दिन लगा रहता है। मुस्लिमो के घर की महिलाएं और बच्चे भी खुदा की इबादत में व्यस्त रहते हैं। ऐसी स्थिति में रमजान शरीफ के दिनों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन करना, मुस्लिमों को धार्मिक कार्य से रोककर राजनीतिक काम में लगाना है। साल के 11 महीनों में किसी दिन भी धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जा सकता था। रमजान के महीने में ही क्यों आयोजन किया गया।
मौलाना ने भारत सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि मुस्लिम वक्फ बोर्ड के जिम्मेदारान भारत में मुसलमानो को असुरक्षित बता रहे हैं। ऐसे लोगों को बीजा देकर भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और बंगलादेश में मौका मुआयना के लिए भेज देना चाहिए। इन मुस्लिम देशों में क्या सूरत ए हाल है। कैसी खाना जंगी हो रही है। अपनी आंखों से देखने के बाद सबकुछ समझ में आ जाएगा। फिर भारत वापस आने के बाद यही लोग चिल्ला चिल्ला कर कहेंगे कि भारत में मुसलमानो को कोई खतरा नहीं और मुसलमान सुरक्षित है।