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वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी राजकीय महिला महाविद्यालय में "ध्वनि और संगीत" पर संगोष्ठी

वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी राजकीय महिला महाविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा "ध्वनि और संगीत" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. संध्या रानी शाक्य ने की।

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Shivang Saraswat
Veerangana Rani Avantibai
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी राजकीय महिला महाविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा "ध्वनि और संगीत" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. संध्या रानी शाक्य ने की। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. प्रवीण कुमार ने ध्वनि के उत्पन्न होने की प्रक्रिया, उसके वातावरण और समाज पर प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. संध्या रानी शाक्य ने संगीत और विज्ञान तथा अन्य विषयों के आपसी संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संगीत का पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं पर प्रभाव अध्ययन का एक महत्वपूर्ण विषय है और इस पर और अधिक शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता है।

संगीत और विज्ञान का ऐतिहासिक संबंध

कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में संगीत विभाग प्रभारी डॉ. भूपेंद्र कुमार ने बताया कि पायथागोरस, न्यूटन, मैरी क्यूरी, जगदीश चंद्र बसु और सर सी. वी. रमन जैसे महान वैज्ञानिक न केवल विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी थे, बल्कि वे संगीत से भी गहराई से जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि कला और विज्ञान के समन्वय से समाज का कल्याण संभव है।

महाविद्यालय में छात्राओं और शोधार्थियों की उत्साहजनक भागीदारी

इस संगोष्ठी में महाविद्यालय की अनेक विद्वतजन और छात्राएँ उपस्थित रहीं। इस अवसर पर डॉ. हिमशिखा यादव, डॉ. अन्नू महाजन, डॉ. एकता सिंह, डॉ. दिनेश सिंह और गजेंद्र सिंह सहित महाविद्यालय की छात्राएँ एवं शोधार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन देते हुए आयोजकों ने इस तरह की और संगोष्ठियों की आवश्यकता पर बल दिया और भविष्य में भी ऐसे शैक्षणिक आयोजनों को प्रोत्साहित करने की बात कही।

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