/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/12/wRGNw7KwXLPOTe41fUFl.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
भाजपा के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बरेली के महापौर उमेश गौतम ने पार्टी के अंदर के अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाने पर यूं ही नहीं लिया। इसके पीछे बहुत दिन से राजनीति चल रही थी।
महापौर उमेश गौतम ने अपने भाषण में भाजपा के अंदर छुपे आस्तीन के सांपों की और अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए न केवल अपने विरोधी विधायक पर खुलकर निशान साधा बल्कि उन्हें खुलेआम सामने आने की चेतावनी भी दे डाली। उन्होंने मंच से कहा कि दुश्मन बाहर के नहीं हैं। अपने ही दुश्मन हैं। वह छिपकर वार कर रहे हैं। अगर हिम्मत है तो सामने आएं फिर मैं उसे देखता हूं। महापौर यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने कहा कि दोस्तों अपने ही गद्दार होते हैं। दूसरों की जरूरत नहीं है। जिसको मर्दानगी दिखानी है, वह सामने आए। महापौर ने यह बात कैंट विधानसभा की मीटिंग में कहीं। इससे उनका इशारा समझा जा सकता है। हालांकि महापौर ने अपने भाषण में किसी का नाम नहीं लिया। मगर, इशारों इशारों में ही यह बात बता दी कि वह किसके लिए यह बात कह रहे हैं। उनके निशाने पर भाजपा का वह कौन नेता है जो उनके खिलाफ षडयंत्र रचने में लगा है।
आपको याद होगा कि अभी कुछ दिन पहले एक महिला ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसको अपहरण करके जान से मारने की साजिश रची गई। इस साजिश में उसे महिला ने भाजपा की राजनीति से जुड़े एक बड़े नेता के बेटे का नाम भी पुलिस की पूछताछ में लिया था। राजनीतिक रूप से यह माना जा रहा है कि एक भाजपा विधायक ने उस महिला के जरिए महापौर के राजनीतिक कैरियर पर चोट की थी। हालांकि बाद में पुलिस की जांच में महिला के अपहरण और हमला करने की बात झूठ निकली और महिला ने स्वयं ही पुलिस की पूछताछ में स्वीकार कर लिया कि उसने ही अपने कुछ लोगों को बुलाकर अपने ऊपर गोली चलवाई थी। महिला ने इस षड्यंत्र के पीछे महापौर उमेश गौतम को फंसाने की बात भी स्वीकार कर ली थी इस षड्यंत्र से गुस्से में आए महापौर गौतम ने कई दिन तक तो इस मामले पर चुप्पी साधे रखी। मगर, उनके अंदर की आग अंदर ही सुलग रही थी क्योंकि षड्यंत्र के पीछे भाजपा के ही कुछ बड़े नेता शामिल थे। महापौर के दिल की यह आग भाजपा के एक सार्वजनिक समारोह में आखिरकार बाहर निकल ही आई और उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाजपा के अंदर के अपने विरोधियों को खुलेआम चुनौती दे डाली। महापौर के इस भाषण को उनके राजनीतिक विरोधियों के लिए खुली चुनौती माना जा रहा है। हालांकि अपने भाषण में महापौर उमेश गौतम ने किसी राजनीतिक विरोधी का खुलेआम नाम नहीं लिया , लेकिन उनके निशाने पर भाजपा के ही एक विधायक थे। राजनीतिक पंडित यह मानते हैं कि शहर भाजपा के अंदर दो बड़े नेताओं की गुटबाजी 2027 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के प्रदर्शन पर गहरा असर डाल सकती है।
यह भी पढ़ें-छिपकर हमला करने वाले भाजपा के गद्दारों को सिखाऊंगा सबक, ये किसने कहा और क्यों