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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने रविवार को बरेली में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि अब प्रदेश में बाढ़ विनाशकारी नहीं, बल्कि लाभदायक साबित होगी। सरकार ने एक नई योजना के तहत बाढ़ के पानी को नहरों में डालकर सिंचाई के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
अखिलेश यादव के बयान पर राजनीतिक तकरार, विरोधियों ने किया जोरदार पलटवार
मंत्री धर्मपाल सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश में बड़ी सिंचाई नहर परियोजना शुरू की गई है, जो पूर्वांचल के किसानों के लिए फायदेमंद होगी। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा, "प्रदेश में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, जिससे उनकी राजनीतिक जमीन खिसक रही है। इसी हताशा में वह अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।" मंत्री ने आगे कहा कि सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है और सिंचाई व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।
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बेसिक शिक्षा में डिजिटल बदलाव की ओर कदम
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्मार्ट क्लासरूम और आईसीटी लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं, मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना की घोषणा की है, जिसके तहत 50,000 मेधावी छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी प्रदान की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 400 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे छात्राओं को उच्च शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहन मिलेगा।
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो पॉवर्टी अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में निर्धन परिवारों की पहचान की जाएगी और उन्हें 1.25 लाख रुपये तक की वार्षिक आय से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को रोजगार, स्वरोजगार और सरकारी सहायता योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। बजट चर्चा के दौरान मंत्री ने बताया कि वर्ष 2025-26 का बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है, जिसमें महिलाओं, युवाओं, किसानों और समाज के सभी वर्गों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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कृषि और पशुपालन के लिए नई योजनाएँ
सभी जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजना लागू की गई है। गोवंश संरक्षण के तहत सरकार 2,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। निराश्रित गोवंश की पहचान की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ईयर टैगिंग को अनिवार्य किया गया है। राज्यभर के 7,713 गांवों में स्थित गो-आश्रय स्थलों में 12.50 लाख से अधिक गोवंश को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है। गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेडियम बेल्ट लगाने की योजना शुरू की जा रही है। इसके अलावा, पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 203 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
धार्मिक स्थलों के विकास के लिए नई योजनाएँ
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर और मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मिर्जापुर के त्रिकोणीय परिक्रमा मार्ग पर सुविधाओं के विस्तार के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये पर्यटन सुविधाओं के विकास हेतु और वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए भी 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चित्रकूट में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। मंत्री ने गोरखपुर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह शहर गौरक्ष धाम के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने गोरक्षनाथ से जुड़ी पौराणिक कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह स्थान न केवल आध्यात्मिक बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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ग्राम पंचायतों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार
प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों में बारात घर और उत्सव भवन के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक आयोजनों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इसके तहत सामुदायिक भवनों में पेयजल, स्वच्छता और विद्युत व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया जाएगा। मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि इस बजट का उद्देश्य किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना है। इसके अलावा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए स्वरोजगार योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके।