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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
स्वकर निर्धारण का आवेदन और आपत्ति जमा न होने पर सपा पार्षद राजेश अग्रवाल और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी (सीटीओ) प्रदीप मिश्रा के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। पार्षद और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के बीच हुई बहस का आडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
रामपुर गार्डन वार्ड से सपा पार्षद राजेश अग्रवाल सोमवार को अपने वार्ड के कुछ लोगों के हाउस टैक्स का बिल सही कराने नगर निगम पहुंचे थे। उन्होंने कर निर्धारण अधिकारी राजवीर सिंह से मुलाकात की। उनसे कहा कि विभाग आपत्तियां नहीं ले रहा है, यह गलत है। यहां बात न बनने पर वह मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा से मिलने पहुंच गए। वहां मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने स्वकर आवेदन और आपत्तियां लेने से मना कर दिया। इस बात पर दोनों में तीखी बहस हो गई। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी का कहना था कि 20 मार्च तक फार्म जमा किए गए हैं, जिनका निस्तारण हो चुका है।
पार्षद राजेश अग्रवाल ने कहा कि बिल गड़बड़ हैं। विभाग आईडी भी पूरी तरह से मैच नहीं कर सका है तो आपत्तियां क्यों नहीं ली जा रही हैं, इस पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने कहा कि आपत्ति लेने के लिए नौ महीने का समय दिया गया था। अब जो बिल निर्धारित कर दिया है, वहीं जमा होगा। अगर किसी को आपत्ति है तो वह कोर्ट जाए। पार्षद ने कहा कि शहर के लोगों ने 50 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स नौ महीने में जमा कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोग टैक्स जमा करना चाहते हैं लेकिन गलत बिल के कारण जमा नहीं कर पा रहे हैं। पांच हजार रुपये टैक्स के लिए कोई कोर्ट की शरण में क्यों जाएगा। इसी बात को लेकर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी और पार्षद के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही।
न्यायालय की शरण लेना नियमों में शामिल
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप मिश्रा ने कहा कि 20 मार्च तक आपत्तियां लेना था। अब समय पूरा हो गया है। इसमें अगर किसी को आपत्ति है तो वह कोर्ट की शरण ले। यह नियम हैं लेकिन पार्षद नहीं मान रहे हैं। आगे जो भी महापौर और उच्चाधिकारियों के निर्देश होगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा।