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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया में गड़बड़ियां हो रही हैं। तेजस्वी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेजों को लेकर लचीलापन दिखाने की सलाह दी थी, लेकिन अब तक चुनाव आयोग ने कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की है।
#WATCH | Patna: RJD leader Tejashwi Yadav says, "...Despite the Supreme Court's advice to bring flexibility in documents, the Election Commission has not issued any formal revised notification... the Election Commission has not clarified how many forms were uploaded without… pic.twitter.com/zJYnkYO5Sq
— ANI (@ANI) July 13, 2025
चुनाव आयोग का नहीं आया जवाब- तेजस्वी
उन्होंने पूछा कि अब तक कितने फॉर्म बिना दस्तावेजों के अपलोड किए गए, और इसमें वोटरों की सीधी भागीदारी कितनी रही? तेजस्वी ने ये भी कहा कि आयोग ने अब तक यह साफ नहीं किया कि फर्जी अपलोडिंग को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि कई जिलों में विपक्षी पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) को न तो जानकारी दी गई और न ही उन्हें प्रक्रिया में शामिल होने दिया गया।इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई जगहों पर बीएलओ और ईआरओ पर 50% से ज्यादा फॉर्म अपलोड करने का दबाव डाला जा रहा है, जो कि एक तरह से लक्ष्य थोपने जैसा है और इससे प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से साफ जवाब और पारदर्शिता की मांग की है।
मतदाता सूची हो रही अपडेेट
बिहार की सियासी ज़मीन चुनावी रंग में रंगने लगी है और इसी के साथ चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIRe) की प्रक्रिया को तेज़ गति से आगे बढ़ाया है। 24 जून 2025 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक कुल 5.87 करोड़ गणना प्रपत्र जमा हो चुके हैं, जो कि कुल अपेक्षित मतदाताओं का 74.39% हिस्सा है।
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