/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/03/LScqzpyocn96o4JZ0inL.jpg)
Photograph: (file)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन हफ्तों में दूसरी बार बिहार का दौरा करने जा रहे हैं। 18 जनवरी को संविधान सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के बाद, अब 5 फरवरी को वह पटना में कांग्रेस के दिग्गज दलित नेता रहे जगलाल चौधरी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह आयोजन पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होगा, जिसमें बिहार कांग्रेस के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
चुनाव से पहले कांग्रेस की सक्रियता बढ़ी
इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस अपनी सियासी रणनीति को धार देने में जुट गई है। राहुल गांधी का यह दौरा न केवल कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि गठबंधन के भीतर कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने की भी कोशिश है। वर्तमान में कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ महागठबंधन का हिस्सा है और पार्टी के पास 19 विधायक हैं। पार्टी की योजना है कि आगामी चुनावों में राजद के साथ तालमेल बनाए रखते हुए अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। इसी क्रम में, राहुल गांधी ने अपने पिछले दौरे के दौरान लालू यादव और उनके परिवार से मुलाकात की थी।
इसे भी पढ़ें -RJD सांसद संजय यादव से 20 करोड़ की रंगदारी मांगने वाला Gangster गिरफ्तार
सुर्खियों में रहने की रणनीति
राहुल गांधी की सक्रियता पिछले दौरे में चर्चा का विषय बनी थी, जब उन्होंने पटना के गर्दनीबाग में धरना दे रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों से मुलाकात की। इससे उन्हें स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां मिलीं। 5 फरवरी को उनके दौरे का उद्देश्य न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना है, बल्कि उनकी उपस्थिति को मीडिया में प्रमुखता दिलाना भी है। दिल्ली में उसी दिन विधानसभा चुनाव होने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसे भी पढ़ें -कांग्रेस नेता Shakeel Ahmad के बेटे ने की खुदकुशी, पटना के सरकारी आवास में दी जान
दलित समाज को साधने की कोशिश
कार्यक्रम में राहुल गांधी जगलाल चौधरी के योगदान को याद करेंगे, जो बिहार के प्रसिद्ध दलित नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 5 फरवरी 1895 को सारण जिले में हुआ था। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर, उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और कई बार जेल गए। बाद में वे बिहार सरकार में मंत्री बने। कांग्रेस इस आयोजन के माध्यम से दलित समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने की कोशिश कर रही है।
इसे भी पढ़ें -Budget 2025: बिहार के लिए सात बड़ी घोषणाएं, नीतीश की राह आसान करने की कोशिश?