बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क।
देश और प्रदेश की राजनीति में दखल रखने वालीं पूर्व सांसद शांति देवी यादव का जन्म बदायूं के जरीफनगर में 30 जनवरी 1930 को हुआ था। वह अपने पिता और उस वक्त के राजनैतिक पुरोधा रहे पूर्व सांसद चौधरी बदन सिंह यादव की इकलौती पुत्री थीं। उनका विवाह संभल के ही मोहकमपुर गांव में हुआ। गुरुवार यानि 30 जनवरी को उनकी जयंती पर उनको याद किया गया।
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आजादी के बाद पहली संसद के सदस्य बने थे शांति देवी के पिता
पूर्व सांसद शांति देवी यादव के पिता चौधरी बदन सिंह यादव आजादी के बाद देश की पहली संसद के सदस्य बने थे। वह बदायूं संभल लोकसभा से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। शांति देवी यादव के पोते अभिषेक यादव उर्फ पप्पन ने अतीत में जाते हुए बताया कि उनकी दादी को सभी बुआ नाम से संबोधित करते थे, उनकी जयंती के ही अवसर पर यहां से सांसद रहे धर्मेंद्र यादव ने जरीफनगर में सपा शासनकाल में उनकी प्रतिमा लगवाई थी। पप्पन अपनी दादी की जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर जरीफनगर पहुंचकर उन्हें श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
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पिता की संभाली थी विरासत, 1962 में पहली बार बनी थीं एमएलसी
पूर्व सांसद शांति देवी यादव ने अपने पिता पूर्व सांसद चौधरी बदन सिंह यादव की राजनैतिक विरासत को संभाला था। वह 1962 में पहली बार विधान परिषद सदस्य बनीं। इसके बाद 1969 और 1974 में दो बार बदायूं की सहसवान विधानसभा से विधायक चुनी गईं।
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1977 में 64.3 प्रतिशत वोट पाकर सांसद बनीं थीं शांति देवी
संभल लोकसभा सीट से शांति देवी यादव ने पहला लोकसभा चुनाव वर्ष 1977 में भारतीय लोकदल पार्टी से लड़ा था। उन्होंने इस चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की उनको इस चुनाव में 64.3 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद वह 1984 में कांग्रेस में शामिल हुईं और कांग्रेस की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनीं। इसी साल वह दोबारा सांसद चुनी गईं।
मुलायम सिंह यादव को शांति देवी यादव ने ही पहली बार बनवाया था सहकारिता मंत्री
राजनीति की बुआ के नाम से मशहूर पूर्व सांसद शांति देवी यादव के पोते अभिषेक यादव उर्फ पप्पन ने उनकी जयंती के अवसर पर अतीत में जाते हुए बताया कि उनकी दादी पूर्व सांसद से कई नेता आशीर्वाद लेने आते थे। विरासत में मिली राजनीति को सहेजते हुए उनकी दादी ने कई नेताओं को अच्छे मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने ही पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को सहकारिता मंत्री बनवाया था।