नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
म्यांमार और थाईलैंड में आए भयंकर भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई है। देर रात आए इस भूकंप के बाद भारत ने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया और हिंडन एयरबेस से राहत सामग्री लेकर विमान को रवाना किया। रिएक्टर स्केल पर 7.7 की तीव्रता वाले इस भूकंप ने थाईलैंड की राजधानी Bangkok में भारी तबाही मचाई है। तबाही के चलते सार्वजनिक परिवहन भी ठप हो गया था लेकिन अब स्थिति सुधरी है। इस त्रासदी में1000 से अधिक मौतों की आशंका है।
जानिए म्यांमार सेना प्रमुख ने क्या कहा
म्यांमार के सेना प्रमुख जनरल मिन आंग हलैंग करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत की पुष्टि कर चुके हैं, उन्होंने आशंका जताई है कि यह संख्या बढ़कर एक हजार से अधिक हो सकती है। सर्वे के आधार उन्होंने इस आंकड़े का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हालातों को देखते हुए म्यांमार के सात राज्यों में आपातकाल घोषित किया गया है। अस्पतालों में घायलों के लिए रक्त की जरूरत पड़ रही है, कुछ स्वयंसेवी संगठन रक्तदान के लिए आगे भी आ रहे हैं, लेकिन जरूरत के हिसाब से और लोगों को आगे आने की जरूरत है।
मंडाले के पास था भूकंप का केंद्र
इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के शहर मंडाले के पास था। पहला झटके की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.7 दर्ज हुई। उसके बाद थोड़ी कम तीव्रता के कई झटके दर्ज किए गए। भयंकर भूकंप के चलते मंडाले, नेपिटॉ, यांगून समेत म्यांमार के कई शहरों में भारी तबाही मचाई है। इमारतें ध्वस्त हो गई हैं, कई पुल टूट गए हैं और सड़कें फट गई हैं।
ढह गया एवा ब्रिज
इरावरी नदी के किनारे बसे मंडाले शहर में एतिहासिक एवा ब्रिज इस विध्वंसकारी भूकंप की भेंट चढ़ गया है। नेपिडो में भारी तबाही की खबर है। सड़कें फट गई हैं, इसके अलावा एक मस्जिद में 20 लोगों की दबकर मौत होने की भी खबर है, हालांकि मलवा अभी पूरी तरह हटाया जाना बाकी है।
मांडले के बौद्ध स्थलों को भारी नुकसान
मांडले में स्थित बौद्ध मंदिर और स्थलों को विनाशकारी भूकंप ने भारी नुकसान पहुंचाया है। काफी संख्या में लोग अस्पताल पहुंचाए गए हैं। सेना ने म्यांमार के छह राज्यों में इमरजेंसी की घोषणा की है। रक्त की भारी जरूरत पड़ रही है। म्यांमार में आए भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड में भी हुआ है।
दोनों देशों को मदद करेगा भारत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा की इस घड़ी में पड़ोसी देशों के साथ खड़े रहने की संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा है कि भारत म्यांमार और थाईलैंड की हर संभव मदद करेगा। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस से 15 टन राहत सामग्री के साथ सी-17 ग्लोबमास्टर को रवाना किया गया है।