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बैंक ऑफ बड़ौदा ने रिटेल और MSME Segments के लिए ब्याज दरों में की कटौती

सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने गुरुवार को रिटेल और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया। बैंक की ओर से यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब आरबीआई ने रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है। 

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YBN News
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bankofbaroda Photograph: (ians)

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मुंबई, आईएएनएस। सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने गुरुवार को रिटेल और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया।  

आरबीआई का रेपो रेट में कमी

बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकारी बैंक ने कहा कि वह आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति में दी गई राहत को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए रिटेल और एमएसएमई सेगमेंट की ब्याज दरों में कटौती कर रहा है। 

व्यवसायों को सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध

बैंक ऑफ बड़ौदा ने आगे कहा कि कटौती के बाद बैंक की ओवरनाइट मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) 8.15 प्रतिशत हो गई है। वहीं, एक साल की एमसीएलआर कम होकर 9 प्रतिशत हो गई है। इस कदम का उद्देश्य व्यक्तियों और व्यवसायों को सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराना है, जिससे व्यापक आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन को समर्थन मिल सके।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा​​ने बुधवार को रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने का फैसला किया था। इसके साथ ही मौद्रिक नीति का रुख 'न्यूट्रल' से शिफ्ट कर 'अकोमोडेटिव' कर दिया था।

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मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव

रेपो रेट में कटौती पर, वैश्विक वित्तीय फर्म मूडीज ने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती और मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव सही समय पर उठाया गया कदम है।  मूडीज का मानना है कि चालू कैलेंडर वर्ष में आरबीआई रेपो रेट में 75 आधार अंक तक की कटौती कर सकता है। मूडीज एनालिटिक्स की इकोनॉमिक रिसर्च डायरेक्टर कैटरीना एल्ल ने कहा कि आरबीआई ने कठिन समय में बाजार की उम्मीदों के मुताबिक कदम उठाकर सही काम किया है। 

अमेरिकी सरकार की टैरिफ धमकी 

एल्ल ने कहा, "अनिश्चितता का अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसका असर व्यापक होता है। पिछले हफ्ते, अमेरिकी सरकार की टैरिफ धमकियों के कारण बॉन्ड, मुद्रा और इक्विटी बाजारों में आश्चर्यजनक उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं।"

उन्होंने कहा, "इस उतार-चढ़ाव के दौर में, आरबीआई की पूर्वानुमानित प्रतिक्रिया से बाजार को और अधिक अस्थिरता से बचने में मदद करेगी।"

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