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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। त्योहारी सीजन से पहले देश के करोड़ों उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आ सकती है। सितंबर में होने वाली सीएसटी काउंसिल की बैठक को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं, क्योंकि इसमें नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स’पर मुहर लग सकती है। इन सुधारों का असर आपकी रसोई से लेकर हेल्थ पॉलिसी और कारोबार की लागत तक पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर किए गए वादे के बाद, सितंबर में होने वाली यह बैठक जीएसटी 2.0 की शुरुआत साबित हो सकती है। 12% स्लैब खत्म करना, इंश्योरेंस पर टैक्स घटाना और जरूरी वस्तुओं पर राहत जैसे कदम आम जनता और कारोबारियों दोनों के लिए गेमचेंजर हो सकते हैं।
कब तक लागू होंगे सुधार?
वित्त मंत्रालय ने जीएसटी में बड़े बदलाव को जो प्रस्ताव रखा है, उसके तहत मौजूदा 5%, 12%, 18% और 28% के स्लैब खत्म कर दिए जाएंगे। इनकी जगह सिर्फ दो स्लैब, ‘स्टैंडर्ड’ और ‘मेरिट’ होंगे। इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर ही स्पेशल रेट लगेगा। सरकार का दावा है कि इससे टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगा और आम आदमी, किसानों, महिलाओं, छात्रों और मिडिल क्लास को राहत मिलेगी। पीएम मोदी ने अपने भाषण में इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि ये बदलाव इस साल दिवाली से लागू हो सकते हैं।
उद्योगों और कारोबार को क्या फायदा?
नए जीएसटी ढांचे से इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर सुधरेगा, वर्गीकरण विवाद कम होंगे और रेट स्थिरता से बिजनेस प्लानिंग आसान होगी। MSME और स्टार्टअप्स के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और प्री-फिल्ड रिटर्न की सुविधा मिलेगी, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी। एक्सपोर्टर्स को ऑटोमेटेड रिफंड प्रोसेस से फायदा होगा।
रेवेन्यू और इकोनॉमी पर क्या असर?
2024-25 में 9.4% की सालाना वृद्धि के साथ जीएसटी कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. सरकार का मानना है कि नए सुधारों से खपत बढ़ेगी, आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और देश के फॉर्मलाइजेशन को और गति मिलेगी। इससे रेवेन्यू और बढ़ेगा. इसके अलावा इकोनॉमी को भी गति मिलेगी।
हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस में राहत
बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले 18% जीएसटी को घटाकर 5% या शून्य करने का प्रस्ताव भी आ सकता है। इससे पॉलिसी का प्रीमियम कम हो जाएगा और अधिक लोग बीमा कवरेज लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे। त्योहारी सीजन में महंगाई से राहत देने के लिए रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी घटाने का भी विचार है। हालांकि किन वस्तुओं पर कटौती होगी, यह बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा।
आईटीसी नियम होंगे आसान
ब्लॉक्ड इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियमों में ढील देने का प्रस्ताव है। फिलहाल कुछ चीजों पर चुकाया गया GST कारोबारी वापस क्लेम नहीं कर पाते, जिससे उनका पैसा फंसा रहता है. नियम आसान होने से लाखों MSMEs और छोटे कारोबारियों को नकदी प्रवाह में राहत मिलेगी।
अन्य अहम प्रस्ताव
जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को 3 दिन में पूरा करने की योजना, रिफंड प्रक्रिया को टेक्नोलॉजी की मदद से तेज और ऑटोमेटिक बनाना, कोई नया सेस नहीं, केवल कुछ सेस के नाम बदलने का प्रस्ताव, बैठक के महत्व पर विशेषज्ञों की राय विशेषज्ञ मानते हैं कि GST दरों में कमी से त्योहारों पर खपत बढ़ेगी, जिससे बाजार में रौनक आएगी और लंबे समय में टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा. वहीं ITC नियमों में सुधार से कारोबारियों की लागत घटेगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। GST slab change | GST two slab system