/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/25/incometax-2025-07-25-14-59-35.jpg)
IncomeTax Photograph: (IANS)
नई दिल्ली, आईएएनएस।नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सरल भाषा का उपयोग प्रावधानों को आसानी से समझने, गलत व्याख्या की संभावना को कम करने और करदाता-केंद्रितता और अनुपालन को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से दी गई।
मुकदमेबाजी के लंबित मामलों
उन्होंने आयकर विभाग से फेसलेस अपीलीय प्राधिकारियों के समक्ष लंबित विवादित कर मांगों के निपटान में तेजी लाने और मुकदमेबाजी के लंबित मामलों का समय पर समाधान सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए कहा कि विभाग को तीन महीने के भीतर केंद्रीय बजट 2024-25 में घोषित संशोधित मौद्रिक सीमा से नीचे आने वाली विभागीय अपीलों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें वापस लेना चाहिए।
166वें आयकर दिवस के अवसर पर
166वें आयकर दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "टैक्स रिफंड की समय पर प्रोसेसिंग और करदाताओं की शिकायतों का सक्रिय एवं समय पर समाधान सुनिश्चित करें। शिकायतों का विश्लेषण करें और न केवल मौजूदा लंबित मामलों को सुलझाने के लिए, बल्कि उन चुनौतियों का समाधान करने के लिए भी रणनीति तैयार करें जो शिकायतों का कारण बन रही हैं।"
नए इनकम टैक्स बिल 2025
वित्त मंत्री ने निर्धारित समय-सीमा के भीतर नए इनकम टैक्स बिल 2025 का कुशलतापूर्वक ड्राफ्ट तैयार करने में विभाग के सराहनीय कार्य के लिए भी बधाई दी। उन्होंने इस बात की सराहना की कि विभाग सेलेक्ट कमेटी से प्राप्त सिफारिशों पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाने पर जोर
वित्त मंत्री ने भविष्य में भी इस गति को जारी रखने के महत्व पर बल दिया और निरंतर एवं कुशल सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए आगे एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाने पर भी जोर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा, "सीबीडीटी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम कर्मचारियों और अधिकारियों को बेहतर कार्यस्थलों और आवासों के मामले में पर्याप्त सहायता प्रदान करें, जिससे उन्हें कठिन परिस्थितियों में आवागमन न करना पड़े। मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगी कि सीबीडीटी और राजस्व विभाग परिवारों के लिए आवास और बेहतर कार्यस्थलों के त्वरित विकास को प्राथमिकता दें।"