Advertisment

Equity Investment: भारत में प्राइवेट इक्विटी निवेश 2025 की दूसरी छमाही में बढ़ेगा : रिपोर्ट

भारत में प्राइवेट इक्विटी(पीई) गतिविधियों में 2025 की दूसरी छमाही में तेजी देखने को मिल सकती है। इसकी वजह मार्केट वैल्यूएशन का स्थिर होना और एक्जिट के अवसरों में वृद्धि होना है। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।  

author-image
YBN News
EquityInvestment

EquityInvestment Photograph: (EquityInvestment)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली,आईएएनएस। भारत में प्राइवेट इक्विटी(पीई) गतिविधियों में 2025 की दूसरी छमाही में तेजी देखने को मिल सकती है। इसकी वजह मार्केट वैल्यूएशन का स्थिर होना और एक्जिट के अवसरों में वृद्धि होना है। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।  

Advertisment

वृद्धि वैश्विक विस्तार

ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, मई में देश में 4.5 बिलियन डॉलर मूल्य के 179 सौदे रिकॉर्ड किए गए। आईपीओ और क्यूआईपी को छोड़कर बाजार में 4.2 बिलियन डॉलर मूल्य के 175 सौदे हुए हैं, जो अप्रैल की तुलना में वॉल्यूम में 17 प्रतिशत और मूल्य में मामूली 4 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।

गतिविधि में मंदी

Advertisment

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आउटबाउंड एम एंड ए में वृद्धि वैश्विक विस्तार और रणनीतिक विविधीकरण में बढ़ते कॉर्पोरेट विश्वास का संकेत देती है। ग्रांट थॉर्नटन भारत में ग्रोथ पार्टनर शांति विजेता ने कहा, "मई में प्राइवेट इक्विटी सेंटीमेंट में नरमी के कारण कुल मिलाकर डील गतिविधि में मंदी देखी गई। दो यूनिकॉर्न का उभरना और कॉरपोरेट इंडिया के आउटबाउंड सौदों में तेजी से डील के लिए आशाजनक संभावनाएं दिख रही हैं।"

नए आत्मविश्वास का संकेत

उन्होंने कहा, "आईपीओ बाजार में तेजी के आउटलुक से दूसरी छमाही में सौदों में तेजी आने की उम्मीद है।" मई में विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) गतिविधियां स्थिर रहीं, जिसमें 2.4 बिलियन डॉलर मूल्य के 68 सौदे हुए, जो अप्रैल की तुलना में सौदा मूल्य में 75 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि, मात्रा में मामूली 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

Advertisment

बीते महीने आउटबाउंड एम एंड ए गतिविधि में तेज वृद्धि देखी गई, जिसमें अप्रैल में केवल दो की तुलना में 15 सौदे हुए, जो लगभग एक दशक के बाद सीमा पार विकास और एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय कॉरपोरेट्स के बीच नए आत्मविश्वास का संकेत है।

पूंजीगत बाजारों में मंदी

पूंजीगत बाजारों में मई में मंदी देखी गई और दो आईपीओ ने करीब 0.3 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई। बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं ने सौदे के मूल्य पर अपना दबदबा बनाए रखा है और मई में कुल 42 प्रतिशत का योगदान दिया, जिसमें सुमितोमो मित्सुई द्वारा यस बैंक में 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश शामिल है।

Advertisment

रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र ने मजबूत सौदे की गति बनाए रखी, जो शुरुआती चरण की वीसी गतिविधि और फैशनरिटेल सेगमेंट में सिटीकार्ट द्वारा 68 मिलियन डॉलर जुटाए गए जैसे बड़े निवेशों से प्रेरित थी।

 

Advertisment
Advertisment