नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान ‘अवैध प्रवासियों’ को वापस भेजने का वादा किया था। इसी के चलते दो अमेरिकी सैन्य विमान कोलंबिया के निर्वासित अप्रवासियों को वापस लेकर गए, लेकिन कोलंबिया सरकार ने विमानों को उतरने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद ट्रंप ने कोलंबिया से आयात होने वाली चीजों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अब इसी वजह से बाजार का मिजाज अब खराब हो चुका है और निवेशकों का जोर बिकवाली पर है। शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 26 में गिरावट और 4 में बढ़त देखने को मिल रही है। IT, एनर्जी और ऑटो शेयर्स में ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है। निफ्टी 50 इंडेक्स 152.05 अंक या 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,940.15 पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स 490.03 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,700.43 पर खुला। कई सेक्टर्स के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है।
इन सेक्टर्स में भारी गिरावट
- बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के शेयरों में आज काफी गिरावट देखी गई। मुख्य रूप से पब्लिक सेक्टर बैंक (PSBs) और प्राइवेट बैंकों के शेयरों में दबाव बना रहा।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर: ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी आज गिरावट आई। इस सेक्टर के प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली हुई। कच्चे माल की बढ़ती कीमतों का असर भी इस सेक्टर पर पड़ा है।
- मेटल्स और खनन: मेटल्स और खनन सेक्टर में गिरावट आई है, खासकर स्टील और कॉपर के शेयरों में। वैश्विक धातु की कीमतों में गिरावट और चीन जैसे प्रमुख देशों में मांग में कमी के कारण इस सेक्टर को दबाव का सामना करना पड़ा।
- रियल एस्टेट: रियल एस्टेट सेक्टर में भी आज भारी गिरावट दर्ज की गई। बढ़ती ब्याज दरों और महंगी ऋण दरों के कारण घरों और संपत्तियों की बिक्री में मंदी आ सकती है। इस सेक्टर में निवेशक कुछ समय के लिए सतर्क दिखाई दे रहे हैं।
- ऊर्जा और तेल: ऊर्जा और तेल सेक्टर में भी गिरावट आई। वैश्विक तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, बढ़ती आपूर्ति समस्याएं, और पर्यावरणीय मुद्दों के कारण इस सेक्टर के शेयरों पर दबाव था।
विदेशी बाजार में अमेरिकी करेंसी की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में नरमी के बीच रुपया सोमवार, 27 जनवरी को शुरुआती कारोबार में 22 पैसे की गिरावट के साथ 86.44 प्रति डॉलर पर आ गया। फॉरेक्स ट्रेडर्स ने बताया कि शुक्रवार को भारतीय रुपये में कुछ मजबूत हुआ था, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ संबंधी फैसले पर अनिश्चितताओं के बीच सोमवार को रुपया गिरावट के साथ खुला। भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी के चलते भी रुपये पर दबाव बढ़ा है।