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Tariffs: अमेरिकी टैरिफ को लेकर हमारी सबसे बड़ी शक्ति 'घरेलू उपभोग', भारत-चीन के रिश्ते भी अहम- एक्सपर्ट

विदेश मामलों के विशेषज्ञ सुधींद्र कुलकर्णी ने शुक्रवार को चीन के राजदूत शू फीहॉन्ग के हालिया बयान का स्वागत करते हुए कहा कि टैरिफ को लेकर चीन भी अमेरिका की निंदा करता है और भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा है।

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YBN News
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Tariffs Photograph: (ians)

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नई दिल्ली, आईएएनएस। विदेश मामलों के विशेषज्ञ सुधींद्र कुलकर्णी ने शुक्रवार को चीन के राजदूत शू फीहॉन्ग के हालिया बयान का स्वागत करते हुए कहा कि टैरिफ को लेकर चीन भी अमेरिका की निंदा करता है और भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा है।

'ग्लोबल पुलिसमैन'

कुलकर्णी ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का भारत को लेकर यह व्यवहार बिल्कुल भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया को 'ग्लोबल पुलिसमैन' बनकर धमका रहे हैं।

न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कुलकर्णी ने कहा, "उन्हें किसी ने 'ग्लोबल पुलिसमैन' नियुक्त नहीं किया है। हमारी और चीन की विदेश नीति में हालिया बदलाव, जिससे भारत-चीन संबंधों में सुधार हुआ है, एक अत्यंत स्वागत योग्य कदम है, जिसका मैं तहे दिल से समर्थन करता हूं।"

एससीओ शिखर सम्मेलन

उन्होंने पीएम मोदी के इस महीने के अंत में होने वाले चीन दौरे को लेकर कहा, "हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा कर रहे हैं। यह 2017 के बाद भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की पहली चीन यात्रा होगी। इसलिए, बहुत सारी उम्मीदें हैं और यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भारत के लोग प्रधानमंत्री का समर्थन कर रहे हैं और चीन के साथ दोस्ती के नए मोड़ का समर्थन कर रहे हैं।"

भारत को सिंगल आउट कर  टैरिफ लगाना

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आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ आकाश जिंदल ने अमेरिकी टैरिफ को गलत बताते हुए कहा, "हमें रूस से तेल लेने के लिए टारगेट किया जा रहा है, जबकि रूस से अमेरिका खुद तेल खरीदता है। यूरोपियन यूनियन भी रूस से तेल का एक बड़ा खरीदार है। यहां तक कि चीन भी रूस से तेल खरीदता है। इसलिए भारत को सिंगल आउट कर इतना टैरिफ लगाना पूरी तरह से गलत है।"

उन्होंने आगे कहा, "रूसी हमारे पुराने दोस्त हैं। उनके साथ हमारी दोस्ती और कारोबार बहुत पुराना है। ऐसे में रूस से तेल खरीदने में किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।"

चीन के साथ अच्छे रिश्ते

जिंदल ने भारत सरकार की वर्तमान मौजूदा पॉलिसी की तारीफ करते हुए कहा कि हम चीन के साथ भी अच्छे रिश्ते बनाने की राह में हैं। हालांकि अमेरिका और चीन से सावधान रहने की भी सख्त जरूरत है। हमें चीन को लेकर पुरानी कार्रवाहियों को नहीं भूलना चाहिए। हमें बैलेंस बनाए रखने की जरूरत है। साथ ही, यूएस, चीन के साथ व्यापार बढ़ाने के अवसरों को जरूर तलाशना चाहिए।

देश के उपभोग में तेजी

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उन्होंने जीएसटी सुधार को लेकर कहा, "हमारी सबसे बड़ी ताकत घरेलू उपभोग है, जीएसटी के भी दो स्लैब खत्म होने जा रहे हैं, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।"

जिंदल ने कहा कि त्योहारी सीजन के साथ ही देश के उपभोग में तेजी आएगी और कुल मिलाकर देश की ग्लोबल ट्रेड पर निर्भरता बहुत अधिक नहीं रह जाएगी।

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