नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
देश की संसद में एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार इस वर्ष अपना 11वां बजट पेश करेगी। इस साल के केंद्रीय बजट से शिक्षा और रोजगार क्षेत्र में लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। आम बजट में देश के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों और शिक्षा की फील्ड से जुड़े कर्मचारियों को बड़ी आस है। मोदी सरकार ने शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए पिछले सालों में लगातार बजट बढ़ाया है। 2024 में इस क्षेत्र को 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से सबसे अधिक 73,498 करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को दिए गए है। हालांकि अभी इसमें और सुधार की गुंजाइश है।
10 लाख तक का लोन
सरकार की पीएम विद्यालक्ष्मी योजना से स्टूडेंट्स को लोन में आसानी होगी। उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन पर वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई थी। इस योजना को कैबिनेट में 6 नवंबर 2024 को मंजूरी दे दी गई है और इसके लिए नया पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है। इसके तहत छात्रों को बिना किसी गारंटर के एजुकेशन लोन मिलेगा और उन्हें लोन लेने के लिए कोई संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होगी, चाहे वह 1 लाख रुपये का लोन ले सकते है या 10 लाख का लें या उससे अधिक। इस योजना के तहत हर साल लगभग 22 लाख छात्र लोन के लिए पात्र होंगे।
6000 करोड़ रुपये का बजट
छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए नवंबर 2024 में 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) नामक एक नई केंद्रीय योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना का लाभ देश भर के लगभग 6300 सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के 1.8 करोड़ छात्रों, फैकल्टी, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को मिलेगा। इसके लिए 6000 करोड़ रुपये का बड़ा बजट निर्धारित किया गया है।
शिक्षा के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी
कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए बजट आवंटन (Education Sector Budget) में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, उभरते हुए रोजगार क्षेत्र और डिजिटल युग की मांगों को पूरा करने के लिए आवंटन को और बढ़ाने की आवश्यकता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि के लिए भी आवश्यक है।
शिक्षा का डिजिटलीकरण
2025 के केंद्रीय बजट में शिक्षा के डिजिटलीकरण पर ज्यादा जोर दिया जा सकता है। महामारी के बाद, ऑनलाइन शिक्षा (online education) का चलन बढ़ा है और उम्मीद की जा रही है कि सरकार डिजिटल शिक्षा के लिए बजट आवंटन को बढ़ाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई प्रयास किए गए हैं। इस बार केंद्रीय बजट में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को और प्रभावी बनाने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं।
रोजगार क्षेत्र में बड़ी उम्मीदें
रोजगार क्षेत्र में यूनियन बजट से बहुत ज्यादा उम्मीदें जुड़ी हुई है। रोजगार क्षेत्र में सुधार के लिए नए कार्यक्रमों और योजनाओं का आगामी केंद्रीय बजट में किया जा सकता है। ऐसी आशा की जा रही है कि केंद्रीय बजट में छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए विशेष पैकेज दिए जाएंगे, जिससे अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकेंगे।
स्वरोजगार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
स्वरोजगार (self-employment) को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा नई नीतियां लागू की जा सकती हैं। छोटे व्यवसायों के लिए लोन और वित्तीय सहायता की सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं, जिससे बेरोजगारी कम हो सके। साथ ही स्टार्टअप्स और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इस साल के बजट में नई योजनाएं आने की उम्मीद है। इससे नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
रोजगार के लिए नई योजनाओं की शुरुआत
नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए केंद्रीय बजट में नई योजनाओं की शुरुआत की जा सकती है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके। इनमें रोजगार मेलों का आयोजन और नौकरी की विशेष ट्रेनिंग भी शामिल हो सकती है।