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Today Stock Market News: सेंसेक्स 400 अंक लुढ़का, निवेशकों को ₹3 लाख करोड़ का नुकसान, जानें क्यों लगा झटका ?

वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के चलते भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, सेंसेक्स 400 अंक और निफ्टी 137 अंक लुढ़क गए, जिससे निवेशकों को 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। जानें क्यों लगा झटका ?

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Ajit Kumar Pandey
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

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वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों के कारण पैदा हुए इस डर का असर वैश्विक बाजारों पर भी देखने को मिला। सेंसेक्स लगभग 400 अंक गिरकर और निफ्टी 50 में 137 अंकों की गिरावट आई। मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में और भी बड़ी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को लगभग ₹3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।

share market | today share market news : बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट वैश्विक बाजारों के अनुरूप रही। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों से शुरू हुए व्यापार युद्ध के डर ने बाजार की धारणा को कमजोर कर दिया। व्यापार युद्ध की दिशा और वैश्विक आर्थिक विकास पर इसके प्रभाव को लेकर अनिश्चितता के कारण दुनिया भर के बाजारों में भारी नुकसान हुआ है।

9 अप्रैल को, जापान का निक्केई 4 प्रतिशत से अधिक गिर गया, जबकि प्रमुख यूरोपीय सूचकांक - एफटीएसई, सीएसी और डीएएक्स - सेंसेक्स के बंद होने पर प्रत्येक में 3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सेंसेक्स 380 अंकों या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,847.15 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 को 137 अंकों या 0.61 प्रतिशत का नुकसान हुआ और यह 22,399.15 पर बंद हुआ।

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मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में और भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक क्रमशः 0.73 प्रतिशत और 1.08 प्रतिशत नीचे बंद हुए। एक सत्र में निवेशकों को लगभग ₹3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ, क्योंकि बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र के लगभग ₹397 लाख करोड़ से घटकर लगभग ₹394 लाख करोड़ हो गया।

भारत की आर्थिक वृद्धि दर में कमी का अनुमान: कोटक 

इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने FY26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ अनुमान को 6.5% से घटाकर 6% कर दिया है। RBI ने भी GDP ग्रोथ प्रोजेक्शन को 6.7% से घटाकर 6.5% किया है।

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आज बाजार के प्रमुख हाइलाइट्स

सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट: सेंसेक्स 380 अंक (0.51%) गिरकर 73,847.15 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 में 137 अंक (0.61%) की गिरावट के साथ 22,399.15 पर समाप्त हुआ।

मिड और स्मॉल-कैप में भारी नुकसान: BSE मिडकैप इंडेक्स 0.73% और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.08% नीचे रहा, जिससे छोटे निवेशकों को ज्यादा झटका लगा।

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निवेशकों को ₹3 लाख करोड़ का नुकसान: BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹397 लाख करोड़ से घटकर ₹394 लाख करोड़ रह गया।

बैंकिंग और आईटी सेक्टर में दबाव: HDFC बैंक, ICICI बैंक और TCS जैसे प्रमुख शेयरों में बिकवाली देखी गई।

फार्मा और ऑटो सेक्टर में कमजोरी: अमेरिकी टैरिफ की आशंका के कारण फार्मा शेयरों पर दबाव बना रहा।

FIIs द्वारा शेयरों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे दबाव बढ़ा है।

कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव: ब्रेंट क्रूड $90 प्रति बैरल के आसपास बना हुआ है, जिससे मुद्रास्फीति की चिंता बढ़ी है।

रुपये में कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपया 83.35 के स्तर पर बंद हुआ, जो निर्यातकों के लिए राहत भले हो, लेकिन आयातकों के लिए चिंता का विषय है।

ग्लोबल मंदी का असर: चीन और यूरोप में आर्थिक सुस्ती के संकेतों ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया।

तकनीकी स्तर पर निफ्टी का सपोर्ट 22,300: अगर निफ्टी 22,300 के स्तर से नीचे जाता है, तो और गिरावट की आशंका है।

निवेशकों के लिए सलाह

  • लॉन्ग-टर्म निवेशक डिप पर शेयरों में एंट्री का मौका देख सकते हैं।
  • शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को बाजार की अस्थिरता के कारण सावधानी बरतनी चाहिए।
  • सेक्टोरल रोटेशन पर नजर रखें, क्योंकि डिफेंसिव स्टॉक्स (FMCG, Pharma) में सुरक्षित निवेश हो सकता है।
  • वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है। निवेशकों को बाजार की गतिविधियों पर नजर रखते हुए सतर्क रहना चाहिए।

भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट क्यों आई?

व्यापार युद्ध की चिंताएं कम नहीं हो रही हैं। ट्रम्प अपनी टैरिफ योजनाओं से पीछे नहीं हट रहे हैं। वास्तव में, वह उनके साथ और आक्रामक हो रहे हैं। 8 अप्रैल को, उन्होंने घोषणा की कि देश जल्द ही फार्मास्युटिकल आयात पर "बड़ा" टैरिफ लगाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था टैरिफ युद्ध से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हो सकती है, लेकिन यह वैश्विक उथल-पुथल से पूरी तरह से अलग नहीं रह सकती है।

घरेलू ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (कोटक सिक्योरिटीज) ने टैरिफ युद्ध के कारण वैश्विक मांग में मंदी के चलते भारत के वित्त वर्ष 26 के जीडीपी विकास अनुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी पहले के 6.7 प्रतिशत से भारत के वित्त वर्ष 26 के जीडीपी विकास अनुमान को घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। घरेलू बाजार व्यापार युद्ध और वैश्विक आर्थिक मंदी के प्रभाव को पूरी तरह से कम नहीं कर पाया है, जिसके कारण यह अस्थिर बना हुआ है।

वैश्विक ट्रेड वॉर की आशंका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित टैरिफ नीतियों के कारण वैश्विक बाजारों में दहशत फैली हुई है। 8 अप्रैल को ट्रम्प ने फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर भी बड़े टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे बाजारों में नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

वैश्विक बाजारों में मंदी: जापान का निक्केई इंडेक्स 4% से अधिक गिरा, जबकि यूरोपीय बाजार (FTSE, CAC, DAX) में भी 3% तक की गिरावट देखी गई। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा।

वैश्विक बाजारों का प्रभाव: एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भारी गिरावट के कारण भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ा। जापान के निक्केई में 4% से अधिक की गिरावट आई, जबकि यूरोपीय बाजारों में भी 3% तक की गिरावट दर्ज की गई।

मिड और स्मॉल-कैप में भारी बिकवाली: बड़े शेयरों की तुलना में मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में निवेशकों ने अधिक बिकवाली की, जिससे इन सेगमेंट में बड़ी गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 0.73% और 1.08% की गिरावट इसका प्रमाण है।

निवेशकों को बड़ा नुकसान: एक ही दिन में निवेशकों को लगभग ₹3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ, जो बाजार में व्याप्त नकारात्मक sentiment को दर्शाता है। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई।

फार्मा सेक्टर पर टैरिफ का डर: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा फार्मास्युटिकल आयात पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा ने इस सेक्टर में चिंता बढ़ा दी है, जिसका असर बाजार की धारणा पर पड़ा।

वैश्विक विकास की चिंताएं: व्यापार युद्ध की आशंकाओं के कारण वैश्विक आर्थिक विकास की गति धीमी होने की चिंताएं बढ़ रही हैं, जिसका असर भारत जैसे विकासशील देशों पर भी पड़ सकता है।

घरेलू विकास अनुमान में कटौती: कोटक सिक्योरिटीज और आरबीआई द्वारा भारत के जीडीपी विकास अनुमान को कम करना निवेशकों के लिए एक नकारात्मक संकेत है।

बाजार की अस्थिरता: व्यापार युद्ध और वैश्विक आर्थिक मंदी के अनिश्चितता के कारण बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।

सेक्टोरल प्रदर्शन: आज के कारोबार में लगभग सभी सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली, जिसमें रियल्टी, ऑटो और वित्तीय शेयरों में सबसे ज्यादा कमजोरी रही।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक व्यापार युद्ध की खबरों और आगामी घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर बाजार की नजर रहेगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सोच-समझकर और सतर्कता से निवेश करें।

(यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है, निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।)

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