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WorldBank Photograph: (IANS)
नई दिल्ली,आईएएनएस। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, भारत का गिनी इंडेक्स अब 25.5 पर पहुंच गया है, जो इसे स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे समान देश बनाता है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार
गिनी इंडेक्स यह समझने का एक सरल लेकिन शक्तिशाली तरीका है कि किसी देश में आय, संपत्ति या उपभोग किस तरह से घरों या व्यक्तियों में समान रूप से वितरित किया जाता है।
इसका मूल्य 0 से 100 तक होता है। 0 स्कोर पूर्ण समानता को दर्शाता है वहीं, 100 स्कोर का मतलब है कि एक व्यक्ति के पास सारी आय, संपत्ति या उपभोग है और दूसरों के पास कुछ भी नहीं है, इसलिए पूर्ण असमानता है। गिनी इंडेक्स जितना अधिक होगा, देश उतना ही असमान होगा।
देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि
भारत का स्कोर चीन के 35.7 और संयुक्त राज्य अमेरिका के 41.8 से बहुत कम है। यह हर जी7 और जी20 देश से भी अधिक समान है, जिनमें से कई उन्नत अर्थव्यवस्थाएं मानी जाती हैं। भारत न केवल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है; बल्कि यह आज सबसे अधिक समान समाजों में से एक है। अपने आकार और विविधता वाले देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।
यह दर्शाता है कि भारत की आर्थिक प्रगति किस तरह से अपनी आबादी में समान रूप से साझा की जा रही है। इस सफलता के पीछे गरीबी को कम करने, वित्तीय पहुंच का विस्तार करने और सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक सीधे कल्याणकारी सहायता पहुंचाने पर लगातार नीतिगत ध्यान केंद्रित करना है।
गिनी इंडेक्स पर भारत की मजबूत स्थिति
सरकार के अनुसार, गिनी इंडेक्स पर भारत की मजबूत स्थिति कोई संयोग नहीं है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गरीबी को कम करने में देश की निरंतर सफलता से निकटता से जुड़ा हुआ है। विश्व बैंक द्वारा स्प्रिंग 2025 गरीबी और समानता ब्रीफ ने इस उपलब्धि को हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण में से एक के रूप में उजागर किया है।"
आय समानता की दिशा में
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में 17.1 करोड़ भारतीयों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया है। जून 2025 तक अत्यधिक गरीबी के लिए वैश्विक सीमा 2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों की हिस्सेदारी 2011-12 में 16.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में मात्र 2.3 प्रतिशत रह गई। विश्व बैंक की संशोधित अत्यधिक गरीबी सीमा 3.00 डॉलर प्रतिदिन के तहत, 2022-23 की गरीबी दर को 5.3 प्रतिशत पर एडजस्ट किया जाएगा। अधिक आय समानता की दिशा में भारत की प्रगति को कई केंद्रित सरकारी पहलों का समर्थन प्राप्त है।
कुछ प्रमुख योजनाएं
कुछ प्रमुख योजनाएं और पहलों में पीएम जन धन योजना, आधार और डिजिटल पहचान, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), आयुष्मान भारत, स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और पीएम विश्वकर्मा योजना शामिल है।
आर्थिक सुधार और मजबूत सामाजिक सुरक्षा
केंद्र सरकार ने कहा, "आर्थिक सुधार और मजबूत सामाजिक सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की क्षमता भारत को अलग बनाती है। जनधन, डीबीटी और आयुष्मान भारत जैसी लक्षित योजनाओं ने लंबे समय से चली आ रही कमियों को दूर करने में मदद की है। साथ ही, स्टैंड-अप इंडिया और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसे कार्यक्रम लोगों को अपनी शर्तों पर धन कमाने और आजीविका सुरक्षित करने में मदद कर रहे हैं।"