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धोखाधड़ी के मामले में वांछित अंगद चंडोक को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया

प्रौद्योगिकी की मदद से चंडोक ने अंतरराष्‍ट्रीय घोटाले को अंजाम दिया। इस घोटाले में अमेरिकियों से उनकी जीवन भर की बचत ठग ली गई। ऐसे पीडि़तों में से ज्‍यादातर बुजुर्ग थे। ठगी के पैसे स्थानांतरित करने के लिए उसने मुखौटा कंपनियां बनाईं।

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Narendra Aniket
Crime
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन। भारत में कथित धोखाधड़ी के मामले में वांछित अंगद सिंह चंडोक को केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) द्वारा समन्वित एक अभियान के तहत अमेरिका से प्रत्यर्पित कर यहां लाया गया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

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प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से अमेरिकियों के साथ ठगी की

अमेरिकी न्याय विभाग ने 2022 में चंडोक को दोषी ठहराए जाने के बाद एक बयान में कहा था कि एक अमेरिकी अदालत ने 2022 में चंडोक को प्रौद्योगिकी की मदद से किए गए अंतरराष्ट्रीय घोटाले में शामिल होने का दोषी ठहराया। इसने कहा था इस घोटाले के जरिए अमेरिकियों से उनकी जीवन भर की बचत ठग ली गई। इनमें से अधिकतर पीड़ित बुजुर्ग थे। 
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि चंडोक को सीबीआई द्वारा समन्वित एक अभियान के तहत अमेरिका से प्रत्यर्पित कर यहां लाया गया है। 

छह वर्ष जेल की सजा सुनाई गई

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अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में कहा गया, 'अमेरिकी अटॉर्नी जैकरी ए. कुन्हा ने घोषणा की अमेरिका में शरण मांगने वाले एक भारतीय नागरिक एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन योजना से अमेरिकियों को धोखा देने में सफल रहा। इन पीड़ित अमेरिकियों में कई बुजुर्ग हैं। उनकी जीवन भर की बचत को हड़पने के दोषी को छह साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।' 

धोखाधड़ी के मामलों में भारत में भी था वांछित

इसमें बताया गया कि वह धोखाधड़ी के मामलों में भारत में भी वांछित है। बयान में कहा गया कि चंडोक ने कैलिफोर्निया में लंबे समय तक जारी और जटिल मनी लांड्रिंग नेटवर्क का संचालन किया, जिसमें उसने एक ऑनलाइन तकनीकी सहायता योजना और बाद में एक ऑनलाइन यात्रा शुल्क योजना के माध्यम से अमेरिकियों से ठगे गए लाखों डॉलर को स्थानांतरित करने के लिए मुखौटा कंपनियां बनाईं और उनका उपयोग किया। 
इसमें कहा गया, 'चंडोक के निर्देश पर कम से कम पांच अन्य लोग काम कर रहे थे और वह इस योजना से उच्च स्तर पर जुड़े अंतरराष्ट्रीय सदस्यों के सीधे संपर्क में था।'

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