नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी के मर्डर केस की जांच कर रही मेघालय पुलिस को इस बात का जवाब नहीं मिल रहा है कि सोनम ने राजा की हत्या के बाद उसके दोनों मोबाइल कहां फेंक दिए हैं? वहीं राजा की सोने की चेन और अंगूठी के सवाल पर भी सोनम खामोश है। पुलिस का कहना है कि सोनम को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। वो हर बात का आराम से जवाब दे रही है। ये साफ हो गया है कि ये कांट्रेक्ट किलिंग नहीं थी। राज ने हत्या की क्योंकि सोनम ने उसे कहा था। बाकी लोग साजिश में इस वजह से शामिल हुए क्योंकि उनका राज से याराना था।
हत्या के बाद विशाल चौहान ने इंदौर में किराए पर लिया था फ्लैट
राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक नया मोड़ तब आया जब इंदौर के एक प्रॉपर्टी मैनेजर ने दावा किया कि आरोपी विशाल चौहान ने मेघालय में हत्या के एक सप्ताह बाद ही उससे एक फ्लैट किराए पर लिया था। प्रॉपर्टी मैनेजमेंट फर्म के मालिक शिलोम जेम्स ने बताया कि विशाल चौहान ने 30 मई को मुझसे मुलाकात की और देवास नाका में 17 हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से एक फ्लैट किराए पर लिया। उसने एक कांट्रेक्ट पर साइन किए और 34 हजार रुपये की सिक्योरिटी भी दी। मैंने उसे चाबियां सौंप दीं, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि वह या उसका कोई साथी वहाँ आया था। जेम्स ने कहा कि इमारत नई बनी है, इसलिए इसमें सीसीटीवी नहीं हैं। उन्हें जैसे ही पता चला कि राजा की हत्या में चौहान का हाथ है तो उन्होंने पुलिस को इसके बारे में सूचित कर दिया था। खास बात है कि 23 मई को राजा की हत्या के बाद सोनम मेघालय से निकल भागी थी। गाजीपुर में पकड़े जाने से पहले वो 26 मई से 8 जून तक इंदौर में थी। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि इंदौर में वो कहां पर रुकी थी।
26 मई से 8 जून तक इंदौर में रही थी सोनम रघुवंशी
23 मई को नोंगरियाट में वाहकदैट के पास एक पार्किंग स्थल में राजा पर हमला किया गया था। हमला दोपहर 2:00 से 2:18 बजे के बीच हुआ। फिर उसके शव को पास की एक खाई में फेंक दिया गया। सोनम पूरी घटना के दौरान घटनास्थल पर मौजूद थी। हत्या के बाद सोनम ने एक आरोपी आकाश को अपना रेनकोट दिया, जिसे बाद में उसने फेंक दिया। इसके बाद चारों स्कूटर पर सवार होकर भाग गए, जिनमें से एक स्कूटर सोनम चला रही थी। बाद में उसने राज के निर्देश पर एक अन्य आरोपी विशाल के दिए गए बुर्के को पहनकर सोनम टैक्सी लेकर गुवाहाटी चली गई। इसके बाद सोनम गुवाहाटी से सिलीगुड़ी, फिर पटना, आरा, लखनऊ और अंत में इंदौर गई, जहां वह 26 मई से 8 जून तक रही। पुलिस ने कहा कि अपने तीन साथियों की गिरफ्तारी के बाद राज कुशवाह घबरा गया जिसके चलते सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी हुई। राज ने सोनम को इंदौर छोड़कर सिलीगुड़ी जाने को कहा, जहां उसे अपहरण की शिकार के रूप में पेश होना था। पुलिस ने कहा कि योजना का अंतिम लक्ष्य सोनम को एक पीड़ित के रूप में सामने लाना था। वो चाहते थे कि राजा का शव पुलिस को न मिल सके रहे। योजना इस उम्मीद पर आधारित थी कि शव सड़ जाएगा, जिससे सोनम एक नकली अपहरण की शिकार के रूप में फिर से सामने आ सकेगी। manoj bharathiraja death news | Raja Raghuvanshi | raja raghuvanshi and sonam
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