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Mahendra Goyal vs Kulwant Rana
रिठाला विधान सभा: दिल्ली चुनाव की बात करें तो रिठाला विधानसभा में रोहिणी का कुछ हिस्सा लेकर बुद्धविहार, विजय विहार और रिठाला गांव को सम्मिलित किया गया है। यहाँ बनिया एवं जाटों का विशेष दबदबा है। पिछले दो चुनाव से आम आदमी पार्टी के महेंद्र गोयल यहां से लगातार जीतते आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने फिर से महेंद्र गोयल पर दांव लगाया तो भाजपा ने पूर्व विधायक कुलवंत राणा को मैदान में उतारा है। कुलवंत राणा जाट बिरादरी में अपना अच्छा प्रभाव रखते हैं। पिछले दो चुनाव से पार्टी किसी दूसरे चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी। इस बार पार्टी को कुलवंत राणा से काफी उम्मीदें हैं। कुलवंत राणा भी अपने प्रचार-प्रसार् में जोर-शोर से काफी दमखम लगा रहे हैं। अगर बात आम आदमी पार्टी की करें तो महेंद्र गोयल को केजरीवाल की फ्री स्कीम पर पूरा भरोसा है। इन्हीं दो प्रत्याशियों में प्रमुख मुकाबला नजर आ रहा है। कांग्रेसी उम्मीदवार कहीं भी मुकाबले मे नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस ने शम्भू शर्मा को मैदान में उतारा है लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी भी साफ दिखाई दे रही है।
गठजोड़ ना होने से बीजेपी को फायदा
चुनाव में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी से कोई गठजोड़ न होना भी भाजपा को फायदा दे सकता है। स्थानीय मुद्दे भी काफी हदतक प्रभावी होंगे, ऐसा इस विधान सभा की जनता भी मान रही है। सीवर, पानी, सफाई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें भाजपा जोर-शोर से उठा रही है जबकि आम आदमी पार्टी महिला सम्मान निधि को विशेष प्राथमिकता दे रही है। इसका प्रभाव झुग्गी झोपडी कालोनियों में काफी हद तक दिखाई भी दे रहा है। इन सारे मुद्दों का कितना प्रभाव पड़ेगा, ये आने वाला वक्त ही बताएगा। अगर पिछले चुनाव की बात करें तो भाजपा के लिए एक अच्छा मौका है क्योंकि दो बार से विधायक रहे महेन्द्र गोयल को जनता के आक्रोश को भी सामना करना पड़ रहा है।