नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज के नेतृत्व में बौद्ध भिक्षु, गुरु रविदास और भगवान वाल्मीकि के पुजारियों के लिए भी प्रतिमाह 18000 मासिक वेतन दिए जाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना देने की दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी। इसके बाद कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री एवं आप संयोजक केजरीवाल के निवास, 5 फिरोजशाह रोड पर धरना देने पहुंचे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डॉ उदित राज को हिरासत में ले लिया।
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जंतर-मंतर पर नहीं मिली इजाजत
उल्लेखनीय है कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ग्रंथियों और पुजारियों के लिए प्रतिमाह 18000 वेतन की घोषणा की थी। इस पर कांग्रेस नेता डॉ उदित राज ने सवाल उठाया कि बौद्ध धर्म, वाल्मीकि, गुरु रविदास और चर्च को क्यों नहीं? इन पुजारियों के लिए वेतन देने की मांग को लेकर डॉ उदित राज ने सोमवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। घोषणा के अनुरूप वे कार्यकर्ताओं के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए पहुंचे। जहां पुलिस ने धरने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद डॉ उदित राज ने केजरीवाल के निवास 5, फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली पर अपराह्न एक बजे प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
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'जब लोकतंत्र में कोई व्यक्ति अपनी आवाज तक ही नहीं उठा सकता तो फिर हम किस अमृतकाल में जी रहे हैं?', आज सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने की काम कर रही है। : डॉ उदित राज
क्या लोकतंत्र में आवाज उठाने का हक नहीं?
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर सामने धरना दे रहे डॉ उदित राज और उनके साथियों, बौद्ध भिक्षुओं को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। मंदिर मार्ग थाने में पुलिस हिरासत में डॉ उदित राज ने कहा कि जब लोकतंत्र में व्यक्ति अपनी आवाज ही नहीं उठा सकता तो फिर हम किस अमृतकाल में जी रहे हैं? उदित राज ने कहा गया, "मंदिर मार्ग थाना, में दिल्ली में मेरे साथ बौद्ध भिक्षुओं, वाल्मीकि व रविदास मंदिर और चर्च के पुजारियों सहित सैकड़ों लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार करके रखा है, कब छोड़ेंगे कोई कुछ बताने को तैयार नही है।
कांग्रेस का आरोप पुलिस ने इकट्ठा नहीं होने दिया
कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा गया, "आज उदित राज के नेतृत्व में बौद्ध भिक्षु, गुरु रविदास और भगवान वाल्मीकि के पुजारियों के लिए भी प्रतिमाह 18000 वेतन के लिए जंतर मंतर पर प्रदर्शन निश्चित किया गया था लेकिन पुलिस ने इकट्ठा नहीं होने दिया। दिल्ली कांग्रेस ने कहा, 'केजरीवाल ने ग्रंथियों और पुजारियों के लिए वेतन की घोषणा किया है, लेकिन बौद्ध धर्म, वाल्मीकि, गुरु रविदास और चर्च को क्यों नहीं?।
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