नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
दिल्ली चुनाव के मद्देनजर ओखला से AIMIM उम्मीदवार शिफा उर रहमान को प्रचार के लिए कोर्ट ने पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है। शिफा उर रहमान ने चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पैरोल की मांग की थी। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दंगों के आरोपी रहमान की याचिका पर सुनवाई करत हुए ये पैरोल मंजूर कर दी। 3 फरवरी तक वह चुनाव प्रचार के लिए अपने घर रह सकेंगे।
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आरोपी जनता से जनता से वोटों की अपील करते हुए
आपको बता दें कि अगामी विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली के गलीयारों में एक नहीं बल्की दो आरोपी जनता से वोटों की अपील कर रहें हैं। शिफा उर रहमान से पहले AIMIM के मुस्तफाबाद सीट के उम्मीदवार ताहिर हुसैन को भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल दी है। दोनों ही उम्मीदवार को 2020 में हुए दिल्ली दंगो के मामले में जेल की सजा सुनाई गई थी।
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आपको बता दें कि शिफा उर रहमान को 26 अप्रैल 2020 को दिल्ली दंगों के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह जामिया मिलिया इस्लामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। उनके खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के अलावा UAPA के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
आप के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ चुनावी मैदान में
शिफा उर रहमान ओखला में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले हैं। उनकी उम्मीदवारी पर अमानतुल्लाह खान ने सवाल भी उठाया था। वह एक जनसभा में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर भड़के थे और आरोप लगाया था कि वह यह सीट बीजेपी को देना चाहते हैं इसलिए प्रत्याशी उतारा है।
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अमानतुल्लाह ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी की क्या कुर्बानी है। वह दिल्ली दंगों के वक्त कहां थे। ये व्यक्ति आपका हमदर्द नहीं बल्कि आपके वोट को जज्बात के साथ बांटना चाहता है। बीजेपी ने इस सीट से मनीष चौधरी और कांग्रेस अरीब खान को टिकट दिया है। अमानतुल्लाह खान यहां के दो बार के विधायक हैं।