नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) ने दिल्ली में एक सर्वे किया है। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा लापरवाह हैं और यह लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ रही है। सर्वे में सामने आया है कि दोपहिया से चलने वाले 29 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिला ठीक तरह से हेलमेट नहीं पहनतीं। इतना ही नहीं, पुरुषों के मुकाबले केवल 50 फीसदी महिलाएं ही सीट बैल्ट पहनती हैं। करीब एक-चौथाई दोपहिया वाहन सवार ऐसे हैं जो हेलमेट का लॉक नहीं लगाते।
दोपहिया वाहनों सवारों की सबसे ज्यादा मौतें
सीआरआरआई के सर्वे में एक बड़ा दर्दनाक तथ्य यह भी सामने आया है कि दिल्ली में होने वाले सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें दो पहिया सवारों की होती हैं। इन मौतों का कारण सही तरीके से हेलमेट न पहनना बताया गया है। यह स्थिति तब है जब सर्वे का आधार हेलमेट का आईएसआई मार्का होना, आधार नहीं बनाया गया, जो कि सुरक्षा के लिए जरूरी माना जाता है।
2.34 लाख दो पहिया सवारों पर हुआ अध्ययन
सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने डा. बेलमुरुगन दिल्ली के 2.34 लाख दो पहिया सवार और 14 स्थानों को सर्वे का आधार बनाया है। डा. बेलमुरुगन तमाम मुद्दों पर दिल्ली में वाहन चालकों पर अध्ययन कर रहे हैं। सर्वे के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि दिल्ली में 40 प्रतिशत दो पहिया वाहन निर्धारित गति सीमा का पालन नहीं करते।
दिल्ली में आठ प्रतिशत हेलमेट नहीं पहनते
डा. वेलमुरुगन ने अपने अध्ययन में इस बात का भी खुलासा किया है कि दिल्ली में दो पहिया सवार सबसे अधिक हेलमेल पहनते हैं, लेकिन आठ प्रतिशत लोग फिर भी बिना हेलमेट चलते हैं। हालांकि सुरक्षित हेलमेट पहनने वाले मात्र 62 प्रतिशत हैं। डा. बेलमुरुगन का कहना है कि दिल्ली में मेन रोड और हाईवे पर अधिकांश दोपहिया वाहन सवार हेलमेट का प्रयोग करते हैं लेकिन अंदरूनी सड़कों पर हेलमेट पहनने वालों की संख्या कम है।
सही और सही से हेलमेट लगाना जरूरी
डा. वेलमुरुगन का कहना है कि दिल्ली में दो पहिया वाहन सवारों को सही (सुरक्षित) हेलमेट और सही तरीके से हेलमेट पहनने के लिए के प्रेरित करने की जरूरत है। टोपी वाला हेलमेट कतई असुरक्षित है। उससे न तो सिर ही ठीक तरह से ढक पाता है और न चेहरा। जरूरत इस बात की भी है लोग हेलमेट लगाते समय उसे अच्छे से लॉक भी करें।
सीट बैल्ट के मामले में भी महिलाएं पीछे
सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि कार सवार 65 प्रतिशत लोग ही दिल्ली में सीट बैल्ट का प्रयोग करते हैं। बच्चों के मामले में तथ्य चौंकाने वाले हैं। कार में बैठने वाले केवल 0.06 प्रतिशत बच्चे ही कार में बैठते समय सीट बेल्ट लगाते हैं। इतना ही नहीं महिलाओं के मामले में हालात चिंताजनक हैं। पुरुषों के मुकाबले 50 फीसदी महिलाएं ही कार में सीट बैल्ट का प्रयोग करती हैं।