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CAG रिपोर्ट को लेकर दिल्ली की सियासत गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन कैग रिपोर्ट सदन में पेश की, जिसमें दावा किया गया है कि शराब नीति में बदलाव के कारण दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कैग रिपोर्ट पेश होने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं।
CAG रिपोर्ट में क्या आया सामने?
कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अरविंद केजरीवाल नीत सरकार में क्षेत्रीय लाइसेंस जारी करने में ढिलाई बरती गई, कई जगहों पर खुदरा शराब की दुकानें नहीं खुलीं, जिसके कारण दिल्ली सरकार को 940 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। री-टेंडर प्रक्रिया यानी कि सरेंडर किए गए लाइसेंसों को दोबारा नीलाम करने के कारण सरकार को 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि शराब कारोबारियों से सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से कलेक्ट नहीं किया गया, जिसके कारण दिल्ली सरकार को 27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान आप सरकार ने लाइसेंस फीस में 144 करोड़ रुपये की छूट दी थी, जो आबकारी विभाग के पहले के निर्देशों के खिलाफ थी।
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सरकार ने सही फैसला लिया था- आतिशी
आम आदमी पार्टी का कहना है कि रिपोर्ट में ये स्पष्ट किया गया है कि नई शराब नीति में पारदर्शिता थी। विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने कहा, "दिल्ली सरकार ने पुरानी एक्साइज पॉलिसी को खामियों और भ्रष्टाचार को दिल्ली वालों को सामने रखा था। उस पॉलिसी के तहत हरियाणा और यूपी से अवैध तरीके से शराब लाया जाता था। इस रिपोर्ट ने हमारी उस बात पर मुहर लगाई है। कितनी शराब बेची जा रही है उस पर भ्रष्टाचार था।" आतिशी ने कहा, "यह पॉलिसी यह स्पष्ट करती है कि AAP सरकार ने पुरानी पॉलिसी को हटाकर सही फैसला लिया। आठवें चैप्टर में यह रिपोर्ट कहती है कि नई पॉलिसी में ट्रस्नसपेरेंसी थी, ब्लैक मार्केटिंग रोकने के तरीके थे और इसके ज़रिए आमदनी बढ़नी चाहिए थी।"
आतिशी ने उठाई जांच की मांग
आतिशी ने कहा, "यह नई पॉलिसी लागू नहीं हुई इसलिए दो हज़ार करोड़ कम रेवेन्यू कलेक्ट हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए कि किसने इसे लागू नहीं होना दिया। आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए तीन लोग ज़िम्मेदार हैं- दिल्ली एलजी, सीबीआई और ईडी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि CAG रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल, सीबीआई और ईडी की जांच हो एफआईआर हो और कार्रवाई हो।
शराब घोटाले से 2000 करोड़ का नुकसान हुआ
कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधानसभा के अंदर कैग की रिपोर्ट पर चर्चा होनी है। अभी जो रिपोर्ट आई है, उसमें शराब घोटाले में दो हजार करोड़ का घाटा हुआ है। इस बात पर चर्चा होगी कि 2000 करोड़ से दिल्ली के अंदर कितने स्कूल या कॉलेज बन सकते थे या फिर कितनी सड़कें बनाई जा सकती थीं। साथ ही, अरविंद केजरीवाल ने यह पैसा कहां पर लगाया, इसकी भी जांच की जाएगी।
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AAP पर भाजपा ने लगाए आरोप
इस मामले पर भाजपा आम आदमी पार्टी को घेर रही है और भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट को लेकर कहा, " यह रिपोर्ट अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के काले कारनामें को उजागर करती है। इसमें बताया गया है कि कैसे आप ने दिल्ली की जनता को लूटा और ठगा है। कैसे उन्होंने रिहायशी और धार्मिक स्थलों पर दुकानें खोलीं।"
शराब नीति पर विस्तृत चर्चा होगी
CAG रिपोर्ट पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "आज शराब नीति पर विस्तृत चर्चा होगी। बड़ी संख्या में सदस्य आ रहे हैं और वो अपनी बात रखना चाहते हैं। CAG रिपोर्ट समय पर आ जानी चाहिए थी। लेकिन दुर्भाग्य से आप सरकार ने जानबूझकर इसे सदन में आने से रोका ताकि सच्चाई जनता तक न पहुंचे।" विपक्ष के उपाध्यक्ष पद को लेकर उन्होंने कहा, "उन्होंने इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया है। " वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित की विस्तृत CAG जांच की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि बिल्कुल, हमारा कहना है कि कांग्रेस बहुत देर से बोल रही है। यह उनकी हताशा भी हो सकती है क्योंकि सदन में उनका एक भी सदस्य नहीं है।
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