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अगरतला, वाईबीएन डेस्क: अगरतला नगर निगम के बैंक खाते से क्लोन चेक के जरिए 16.38 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आया है। त्रिपुरा सरकार ने अगरतला नगर निगम (एएमसी) के बैंक खाते से 16.38 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि क्लोन चेक का उपयोग कर धोखाधड़ी की गई।सरकारी सूत्रों के अनुसार पश्चिम त्रिपुरा जिले के एएसपी (शहरी) एसआईटी का नेतृत्व करेंगे और रिपोर्ट जिले के एसपी नमित पाठक को सौंपेंगे। जांच टीम में एसडीपीओ देबा प्रसाद रॉय, पश्चिम अगरतला थाने के प्रभारी निरीक्षक राणा चटर्जी और मामले के जांच अधिकारी उपनिरीक्षक रंजीत दास भी शामिल हैं।
पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम त्रिपुरा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहरी) एसआईटी का नेतृत्व करेंगे और पश्चिम त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक नमित पाठक को रिपोर्ट सौंपेंगे। एसआईटी के अन्य सदस्यों में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ), सदर देबा प्रसाद रॉय, पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक राणा चटर्जी और मामले के जांच अधिकारी तथा उप-निरीक्षक रंजीत दास शामिल हैं। यूको बैंक के जोनल मैनेजर संजीव रॉय ने पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। जिसके बाद, त्रिपुरा पुलिस ने क्लोन चेक (नकली) का इस्तेमाल कर एएमसी के बैंक खाते से राशि निकालने के आरोप में "अज्ञात धोखेबाजों" के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह शिकायत तब दर्ज कराई जब उन्हें पता चला कि पिछले हफ्ते छह क्लोन चेक के जरिए एएमसी खाते से 16.38 करोड़ रुपये निकाले गए थे।
धोखाधड़ी में अधिकारी या कर्मचारी शामिल नहीं
एएमसी के मेयर और भाजपा विधायक दीपक मजूमदार ने कहा कि धोखाधड़ी की इस घटना में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी शामिल नहीं है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया कि अज्ञात धोखेबाज हैदराबाद से अपना काम कर रहे थे। उन्होंने एक पूर्व नगर निगम अधिकारी के जाली हस्ताक्षर कर बैंक से पैसे निकाल लिए, जबकि मूल चेक नगर निगम के पास ही थे। अधिकारी ने कहा, "हमारे जांच अधिकारी ने पाया कि मूल चेक अभी भी संबंधित नगर निगम अधिकारियों के पास हैं। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने शहर के मध्य में कमान चौमुहानी स्थित यूको बैंक की मुख्य शाखा से सीसीटीवी फुटेज भी एकत्र किया है और यह पता लगाने के लिए उसका अध्ययन कर रहे हैं कि जाली चेक जमा करने के लिए बैंक में कौन आया था। उन्होंने कहा, "यूको बैंक में क्लोन चेक जमा करने वाले लोगों की पहचान हो जाने के बाद, हमें इस मामले में शामिल लोगों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
रुपये वापस करने का अनुरोध किया
नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने यूको बैंक से नगर निगम के खाते में पूरे 16.38 करोड़ रुपये वापस करने का अनुरोध किया है और बैंक ने इस पर सहमति दे दी है।उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले भी ऐसा ही एक मामला हुआ था और उस मामले में भी बैंक ने पैसे वापस कर दिए थे।त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक अनुराग ने पिछले हफ्ते कहा था कि राज्य पुलिस ने 2021 से अब तक त्रिपुरा में 46.96 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले पकड़े हैं, जिसमें से अधिकारियों ने 5.2 करोड़ रुपये को होल्ड किया और पीड़ितों को 34 लाख रुपये पहले ही वापस कर दिए।उन्होंने मीडिया को बताया कि पुलिस अगले तीन महीनों में कुछ सत्यापन और जांच के बाद शेष राशि वापस करने के लिए एक विशेष अभियान चला रही है।डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने त्रिपुरा में इन साइबर अपराध हमलों में शामिल 20,387 बैंक खातों का विवरण भी प्राप्त किया है।
इनपुट-आईएएनएस
Tripura Minister Statement | bank builder fraud not present in content