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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर शाहजहांपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी के निर्देशन में गठित एसआईटी टीम ने साइबर थाना एसओजी और सर्विलांस टीम के साथ मिलकर एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह ने एक व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट कर कुल 1 करोड़ 4 लाख 47 हजार रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया था।
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जानकारी के अनुसार वादी शरदचंद्र के दो खातों से 6 मई से 15 मई 2025 के बीच यह ठगी की गई थी। मामले में वादी ने 4 जून को साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गिरोह के सदस्यों ने व्हाट्सएप पर खुद को ईडी, सीबीआई व कोर्ट अधिकारी बताकर वादी को फर्जी वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट किया। इसके बाद जमानत और आरोपों से मुक्ति दिलाने के नाम पर विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
यह कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं बल्कि एक धोखाधड़ी है। इसमें अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के जरिए डराते हैं और व्यक्ति को घर से बाहर न निकलने के लिए बाध्य करते हैं।
कैसे हुआ फिनटेक फ्रॉड?
ठगों ने वादी से पैसे लेकर उन्हें कॉर्पोरेट अकाउंट्स के जरिए कई खातों में ट्रांसफर किया। फिर अंत में क्रिप्टो करेंसी वॉलेट (Binance) में भेज दिया। हैदराबाद स्थित एक अकाउंट में 71 लाख की ट्रांजेक्शन की गई थी जहां एक ही दिन में करीब 3 करोड़ का लेनदेन हुआ। इस गिरोह ने 9 लेयर में 40 से अधिक बैंक खातों के जरिए राशि घुमाई।
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गिरफ्तार 7 आरोपियों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों के युवक शामिल हैं। इनके नाम हैं - सचिन अहिरवार (झांसी), प्रशांत कटारा (आगरा), गौतम सिंह उर्फ लखन ठाकुर (दिल्ली), संदीप पुंडीर (बुलंदशहर), सैयद सैफ उर्फ सोनू (फरीदाबाद), आर्यन शर्मा उर्फ यश (गाजियाबाद) और पवन कुमार यादव (टीकमगढ़)। इनके कब्जे से 9 मोबाइल, 7 एटीएम कार्ड और 1 पासबुक बरामद हुई है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अज्ञात कॉल या व्हाट्सएप वीडियो पर डराने की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। जागरूक रहें, सतर्क रहें और साइबर अपराध से खुद को बचाएं।
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