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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: 4 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े जनकपुरी और विकासपुरी हिंसा मामले में आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ मंगलवार को अदालत में तीन गवाहों के बयान दर्ज किए गए। मामले की सुनवाई स्पेशल जज दिग्विनय सिंह की अदालत में हुई, जहां अगली सुनवाई की तारीख 2 सितंबर तय की गई है।
गवाह ने कहा- नाम सुना पर चेहरा नहीं देखा
स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा इंतजामों के चलते सज्जन कुमार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेश किया गया। सुनवाई के दौरान जिन तीन गवाहों के बयान लिए गए, वे श्री भगवान, डॉ. विजय वत्स और बाला कृष्ण क्षेत्री हैं।गौरतलब है कि इससे पहले 7 जुलाई को सज्जन कुमार ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि वह इस अपराध में "सपने में भी शामिल नहीं हो सकते और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। इससे पहले 9 नवंबर 2023 को पीड़िता मंजीत कौर ने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने भीड़ में शामिल लोगों से सज्जन कुमार का नाम सुना था, लेकिन उन्हें अपनी आंखों से नहीं देखा।
इन धाराओं के तहत हुए थे आरोप तय
कोर्ट ने 23 अगस्त 2023 को सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं – 147, 148, 153A, 295, 149, 307, 308, 323, 325, 395 और 436 – के तहत आरोप तय किए थे। हालांकि, अदालत ने हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था, जिसे एसआईटी ने शामिल किया था। जनकपुरी हिंसा मामले में 1 नवंबर 1984 को दो सिख सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या कर दी गई थी। वहीं विकासपुरी क्षेत्र में गुरचरण सिंह को जलाए जाने से उनकी मौत हुई थी। इन मामलों की जांच 2015 में एसआईटी ने शुरू की थी और 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 25 फरवरी को कोर्ट ने सरस्वती विहार से जुड़े सिख विरोधी दंगों के एक अन्य मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।