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तमिलनाडु में Jallikattu Festival के दौरान 7 लोगों की मौत, 400 से ज्यादा घायल

Jallikkatu Festival: तमिलनाडु में जलीकट्टू के दौरान एक दिन में 7 लोगों की मौत हुई, वहीं 2 बैलों की मौत का मामला भी सामने आया है। राज्य के अलग-अलग जिलों में जलीकट्टू के दौरान एक दिन में करीब 400 लोग घायल हुए हैं।

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Pratiksha Parashar
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चेन्नई, वाईबीएन नेटवर्क।

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Jallikkatu: तमिलनाडु में जलीकट्टू के दौरान एक दिन में 7 लोगों की मौत हो गई, वहीं 2 बैलों की मौत का मामला भी सामने आया है। राज्य के अलग-अलग जिलों में जलीकट्टू के दौरान एक दिन में करीब 400 लोग घायल हुए हैं। तमिलनाडु पुलिस ने इस मामले में जानकारी दी है। 

7 लोगों की मौत, 400 घायल 

तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि गुरुवार को पोंगल के मौके पर आयोजित जल्लीकट्टू त्योहार में 7 लोगों की मौत हुई और 400 लोग घायल हुए। पुडुक्कोट्टाई और शिवगंगा में 2 बैलों की मौत हुई है। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि जान गंवाने वाले ज्यादातर लोग खेल के प्रतिभागी नहीं थे। खेल के दौरान बैल के मालिक और दर्शकों को सांड ने घायल कर दिया। 

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जलीकट्टू पर विवाद

आपको बता दें कि जलीकट्टू खेल लंबे समय से विवादों में है। दरअसल, ये खेल जितना रोमांचक है, उतना ही खतरनाक भी है। कई बार खेल के दौरान लोगों और बैलों की मौत हो जाती है। इसके अलावा जलीकट्टू के दौरान बैलों को शराब पिलाने और उनके साथ हिंसा करने के आरोप भी लगते हैं। यह खेल पशु क्रूरता कानूनों का उल्लंघन करता है। जलीकट्टू पर कई बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लेकिन साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू को कानूनन वैध करार दिया।  

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जलीकट्टू का महत्व

पोंगल के मौके पर तमिलनाडु में जलीकट्टू खेला जाता है। ये उत्सव 3 दिनों तक चलता है, जिसमें आखिरी दिन बैलों की पूजा की जाती है और जलीकट्टू खेला जाता है। खेल में एक सांड को मैदान में छोड़ दिया जाता है। प्रतिभागी को सांड का कूबड़ पकड़कर उसे कंट्रोल करना होता है। सबसे ज्यादा देर तक सांड को पकड़ने वाला खेल का विजेता होता है। आपको बता दें कि जलीकट्टू करीब 2500 सालों से तमिलनाडु में खेला जाता है। ये सिर्फ खेल नहीं, बल्कि तमिल के लोगों की आस्था और परंपरा का हिस्सा है। यही वजह है कि तमाम विवादों के बावजूद भी इस पर प्रतिबंध नहीं लग पाया है। 

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