नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | रेल मंत्रालय ने देश के सभी रेलवे जोनों को एक अहम निर्देश जारी किया है, जिसके तहत अब टिकट जांच कर्मी (टीटीई) यात्रियों के आधार कार्ड की ‘एम-आधार एप्लिकेशन’ के जरिए वास्तविक समय में जांच करेंगे। यदि किसी यात्री का आधार कार्ड फर्जी या जाली पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम उन घटनाओं के सामने आने के बाद उठाया गया है जिनमें कुछ लोग फर्जी आधार कार्डके सहारे भारत में अनाधिकृत रूप से निवास कर रहे हैं और इसका उपयोग यात्रा, नौकरी व अन्य उद्देश्यों के लिए पहचान पत्र के रूप में कर रहे हैं। रेल मंत्रालय ने प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों को संबोधित पत्र में लिखा है कि आधार कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए पहचान सत्यापन की प्रक्रिया को मजबूत करना जरूरी है। टिकट जांच अधिकारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के यात्रियों के पहचान-पत्र की जांच और पुष्टि करनी होगी।
एम-आधार ऐप की भूमिका
रेल मंत्रालय ने बताया कि यूआईडीएआई द्वारा विकसित ‘एम-आधार ऐप’ क्यूआर कोड स्कैन कर तुरंत पहचान की पुष्टि कर सकता है। इसमें व्यक्ति की फोटो, नाम, लिंग, जन्मतिथि, पता और आधार संख्या जैसे विवरण स्क्रीन पर प्रदर्शित होते हैं। यह ऐप ऑफलाइन मोड में भी काम करता है, जिससे दूरदराज के इलाकों में भी इसका उपयोग संभव है।
टीटीई को मिलेगा प्रशिक्षण
मंत्रालय ने सभी जोनों से कहा है कि वे अपने टिकट जांच कर्मियों को 'एम-आधार ऐप' डाउनलोड कर उपयोग करने का प्रशिक्षण दें। यदि जांच के दौरान कोई संदिग्ध या फर्जी आधार कार्ड पाया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत रेलवे सुरक्षा बल (RPF), स्थानीय पुलिस या राज्य रेलवे पुलिस को दी जाए। मंत्रालय ने यह भी याद दिलाया कि आधार अधिनियम के तहत फर्जी पहचान अपनाने या धोखाधड़ी से आधार प्राप्त करने पर जेल और जुर्माने दोनों का प्रावधान है।
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