अयोध्या, वाईबीएन नेटवर्क।
राम मंदिर आंदोलन के आधार स्तंभ रहे आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद सियासी, आध्यात्मिक और धार्मिक हस्तियां स्तब्ध हैं, उनके जाने से दुखी हैं। 20 वर्ष की आयु से ही अध्यात्म की दुनिया में रम गए आचार्य सत्येंद्र दास राम मंदिर की यहां तक यात्रा के हर पल के साक्षी रहे हैं। 1993 से मुख्य पुजारी की जिम्मेदारी संभाल रहे आचार्य सत्येंद्र दास ने करीब 34 वर्षों तक राम मंदिर की अनवरत सेवा की।
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बाबरी विध्वंस के भी साक्षी रहे आचार्य
आचार्य सत्येंद्र दास मार्च 1992 से राम मंदिर सेवा में जुटे हुए थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के भी साक्षी रहे आचार्य सत्येंद्र दास ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मुख्य पुजारी की जिम्मेदारी संभाली थी। यह 1993 की बात है। 6 दिसंबर, 1992 को जब बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ तो रामलला को अपनी गोद में लेकर सुरक्षित बाहर निकालने वाले कोई और नहीं बल्कि आचार्य सत्येंद्र दास ही थे।
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संस्कृत महाविद्यालय में सहायक अध्यापक की नौकरी मिली थी
आचार्य सत्येंद्र दास ने 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली थी। डिग्री मिलने के अगले ही साल 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक शिक्षक की नौकरी मिल गई थी। 1992 में राम जन्मभूमि के तत्कालीन रिसीवर ने आचार्य सत्येंद्र दास की पुजारी के तौर पर नियुक्ति की थी। वेतन तय किया था 100 रुपये प्रतिमाह। 1993 में वे मुख्य पुजारी की भूमिका में आ गए और तभी से निरंतर राम लला की सेवा कर रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वक्त उनका वेतन 38,500 रुपए था।
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संत कबीरनगर में जन्में के आचार्य सतेंद्र दास
1945 में आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म साल उत्तर प्रदेश के जनपद संत कबीरनगर में हुआ था। वे बचपन से ही धार्मिक प्रवृति के थे। आचार्य ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी मंदिर परिसर में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों का नेतृत्व किया। उनकी सरलता, भक्ति और निष्ठा के कारण वे राम भक्तों के बीच बेहद सम्मानित थे। माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन उन्होंने अंतिम सांस ली। आचार्य सत्येंद्र दास को ब्रेन हेमरेज के बाद लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया था।
चंपत राय ने आचार्य को श्रद्धांजलि अर्पित की
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है उन्होंने कहा, "आज माघी पूर्णिमा पर महाराज सत्येंद्र दास का निधन हो गया। कुछ दिन पहले उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था। अस्पताल में भर्ती आचार्य की तबियत दो दिन पहले से ज्यादा खराब थी। हम उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
सपा ने भी जताई संवेदना, कहा अपर्णूनीय क्षति
आचार्य सतेंद्र दास के निधन पर समाजवादी पार्टी की ओर से भी संवेदना जताई गई है। समाजवादी पार्टी ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर कहा है कि देश ने एक महान संत खो दिया। देश के लिए यह अपूर्णनीय क्षति है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के फैजाबाद (अयोध्या) सांसद अवधेश प्रसाद ने भी आचार्य के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।