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अहमदाबाद, वाईबीएन डेस्क: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे ने कईपरिवारों की जिंदगी तबाह हो गई। इस हादसे में एक बेटी ने अपने पिता को हमेशा के लिए खो दिया। दर्द से टूटी इस बेटी का गुस्सा और बेबसी एयर इंडिया पर फूट पड़ी। उसने नम आंखों और कापती आवाज में कहा कि एयर इंडिया को बंद कर दो! जब नहीं चला सकते, तो क्यों भरते हो मौत की उड़ान ? मेरे पापा देश के लिए निकले थे... क्या यही इनाम है देशभक्ति का? मौत?”
मैं दो करोड़ रुपये दूंगी मेरे पापा को लौटा दो
गमगीन माहौल में उसकी चीख जैसे पूरे सिस्टम पर सवाल बनकर गूंज उठी। उसने आगे कहा कि मुझे पैसे नहीं चाहिए एक करोड़ नहीं मैं दो करोड़ रुपये दूंगी बस मेरे पापा को वापस लौटा दो। कोई इंसान इतना सस्ता नहीं हो सकता! ये सिर्फ एक बेटी की आवाज़ नहीं उन तमाम परिवारों की पुकार है जो एयर इंडिया की लापरवाही का शिकार हुए हैं। सवाल अब सिर्फ मुआवजे का नहीं है, सवाल है – जिम्मेदारी का, जवाबदेही का और उस इंसानी जान की कीमत का जिसे कोई पैसा नहीं लौटा सकता।
एयर इंडिया को बंद करो! मौत की फ्लाइट क्यों चला रहे हो?
बेटी का गुस्सा एयर इंडिया पर फूटा। उसने कहा कि जब तुमसे एक विमान नहीं उड़ाया जाता, तो क्यों उड़ाते हो? हर बार टेक्निकल फॉल्ट, हर बार लापरवाही! एयर इंडिया को बंद कर दो! जब तुम देश की उड़ान नहीं संभाल सकते, तो इंसानों की ज़िंदगियां क्यों दांव पर लगाते हो? "एक करोड़? नहीं चाहिए मैं दो करोड़ दूँगी, मेरे पापा वापस लाओ! सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों के लिए मुआवज़े की घोषणा की गई। पर ये मुआवजा उस बेटी के घाव पर मरहम नहीं रख सका।
जनता का सवाल, कब सुधरेगा सिस्टम?
यह केवल एक बेटी की पुकार नहीं है, यह हर उस भारतीय का सवाल है जो कभी न कभी हवाई यात्रा करता है। तकनीकी खराबियां, खराब प्रबंधन और ढीली जवाबदेही के चलते भारत की एयरलाइंस बार-बार सवालों के घेरे में आती हैं। क्या एयर इंडिया केवल नाम बदल देने से बदल जाएगी?, क्या मुआवजा देकर जिंदगियों की भरपाई की जा सकती है? और सबसे बड़ा सवाल—क्या कोई जिम्मेदार होगा इन मौतों के लिए?
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Ahmedabad Plane Crash Air India
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