नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
एयर इंडिया का प्रबंधन निजी सेक्टर में जाने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी। इससे भी बड़ी बात यह है, एयर इंडिया ने भोपाल से दिल्ली आ रहे केंद्रीय मंत्री को टूटी सीट पर सफर करवा दिया। इतना ही नहीं फ्लाइट स्टाफ ने केंद्रीय मंत्री को यह भी बताया कि फ्लाइट ऐसी और भी सीटें हैं और प्रबंधन को इस संबंध में जानकारी पहले ही दी जा चुकी है, लेकिन प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को यात्रियों के साथ धोखा बताया है। उन्होंने कहा कि पैसे लेकर सही सेवाएं न देना अनैतिक है।
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केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर जताई नाराजगी
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया फ्लाइट में व्यवस्था को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि भोपाल दिल्ली आने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट में उन्हें टूटी हुई सीट मिली। बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री सुबह भोपाल में थे और उन्हें दिल्ली में आयोजित पूसा कृषि विज्ञान मेले के उदघाटन सत्र में पहुंचना था। इसके साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री आंदोलनकारी किसानों से बात करने चंड़ीगढ़ भी जाएंगे।
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बोले- तकलीफदायक था सीट पर बैठना
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक AI436 में टिकट बुक करवाया था, मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए। ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं।
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सहयात्रियों ने सीट ऑफर की, पर टूटी सीट पर ही बैठे शिवराज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा है कि सहयात्रियों ने मुझे बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं, लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा।
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टाटा प्रबंधन बेहतर कर रहा है, भ्रम टूटा
मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला। मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा।