नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया है और पाकिस्तान से हालिया आतंकी हमले की जांच में सहयोग की अपील की है। रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए दोनों देशों से संयम बरतने और
संवाद के जरिए समाधान निकालने का आग्रह किया। यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद आया है। जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। हमले में मारे गए अधिकतर लोग पर्यटक थे।
विदेशमंत्री एस जयशंकर से फोन पर की बात
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस के अनुसार रुबियो ने इस मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग बातचीत की। उन्होंने दोनों देशों से तनाव कम करने
बातचीत बहाल करने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने की अपील की। भारत ने इस हमले का दोषी पाकिस्तान को मान रहा है। जवाब में भारत ने कड़े कदम उठाए हैं जैसे सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी सैन्य प्रतिनिधि को निष्कासित करना और अटारी-वाघा सीमा बंद करना।
पाकिस्तान ने हमले के आरोपों से किया इनकार
पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार करते हुए अंतरराष्ट्रीय जांच की पेशकश की है।
प्रधानमंत्री शरीफ ने अमेरिका से भारत पर "भड़काऊ बयानबाज़ी" रोकने का दबाव डालने की मांग की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के योगदान का भी उल्लेख किया, जिसमें हजारों नागरिकों की जान गई और भारी आर्थिक नुकसान हुआ। शरीफ ने यह भी कहा कि भारत के "उकसावे" से पाकिस्तान के प्रयासों पर असर पड़ता है, खासकर अफगान क्षेत्र में सक्रिय आतंकी समूहों से लड़ाई में। उन्होंने सिंधु जल संधि को जीवन रेखा बताते हुए इसके एकतरफा निलंबन का विरोध किया।
भारत पाक के बीच बढ़ा तनाव
इस बीच, नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच गोलीबारी की घटनाएं लगातार छह रातों से सामने आई हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं। पाकिस्तान का दावा है कि भारत सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी दोनों देशों के नेताओं से अलग-अलग बातचीत कर शांति बनाए रखने और टकराव से बचने की अपील की है। उन्होंने हमले के दोषियों को सजा दिलाने और तनाव कम करने में मदद की पेशकश की है।