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रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी । फाइल फोटो
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की समूह कंपनियों के खिलाफ चल रही धनशोधन जांच का दायरा व्यापक करते हुए एक नया मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी ने रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आरकॉम) के खिलाफ यह मामला एसबीआई से जुड़े 2,929 करोड़ रुपये के कथित कर्ज धोखाधड़ी मामले में दर्ज किया है। इस नए मामले में ईडी ने हाल ही में एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है जो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 21 अगस्त को की गई शिकायत पर आधारित है।
अंबानी के अलावा सरकारी अफसरों पर भी शिकंजा
सीबीआई ने इस मामले में 23 अगस्त को मुंबई में रिलायंस कम्युनिकेशंस के परिसरों और अनिल अंबानी के आवास पर तलाशी अभियान चलाया था। इस नए ईडी मामले में वही आरोपी बनाए गए हैं जो सीबीआई की प्राथमिकी में शामिल थे। इनमें आरकॉम के निदेशक अनिल अंबानी, कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारी और अन्य शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़े कथित धोखाधड़ी के सभी पहलुओं और इन मामलों के किसी भी संभावित अंतर-संबंध की जांच के लिए धनशोधन जांच का दायरा बढ़ाया गया है।
आरकॉम पर 40,000 करोड़ की देनदारी
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शिकायत के मुताबिक, आरकॉम के ऊपर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी थी। यह राशि विभिन्न बैंकों से लिए गए थे। इसमें अकेले एसबीआई को ही 2,929.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सीबीआई के तलाशी अभियान के बाद अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा था कि यह मामला 10 साल से अधिक पुराना है और उस समय अंबानी आरकॉम के केवल गैर-कार्यकारी निदेशक थे और उनकी रोजमर्रा के प्रबंधन में कोई भूमिका नहीं थी। उस समय प्रवक्ता ने कहा था, "एसबीआई ने अपने आदेश से अन्य पांच गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई वापस ले ली है।इसके बावजूद अनिल अंबानी को चुनिंदा ढंग से निशाना बनाया गया है।"
जुलाई में ईडी ने की थी कई ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने जुलाई में समूह कंपनियों के मौजूदा एवं पूर्व अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की थी और अगस्त के पहले सप्ताह में अनिल अंबानी के बयान भी दर्ज किए थे। ईडी की प्रारंभिक जांच में अंबानी समूह की विभिन्न कंपनियों द्वारा 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित वित्तीय अनियमितताओं और कर्ज 'हेराफेरी' के मामले शामिल थे।
इसमें 2017-2019 के दौरान यस बैंक द्वारा समूह कंपनियों को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के कथित 'अवैध' ऋण हेराफेरी के आरोप भी शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि समूह कंपनियों के कुछ वर्तमान और पूर्व अधिकारियों से पूछताछ की जा चुकी है और भविष्य में अंबानी समेत कुछ अन्य लोगों के भी बयान दर्ज किए जा सकते हैं। anil ambani news | anil ambani raid | anil ambani | anil ambani ed | Anil Ambani fraud