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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों पर सियासत गर्मा गई है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकतंत्र की दुहाई देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उसने देश के पहले आम चुनाव में ही चुनावी भ्रष्टाचार की शुरुआत कर दी थी।
डॉ. भीमराव आंबेडकर को जानबूझकर हराया था
अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि साल 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के साथ मिलकर भारत के संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा डॉ. भीमराव आंबेडकर को जानबूझकर हराया था। अनुराग ठाकुर के अनुसार अगर रिकॉर्ड चेक करें तो 1952 के चुनाव में 74,333 वोट खारिज किए गए, जबकि डॉ. आंबेडकर मात्र 14,561 वोटों से हारे थे। यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसके तहत कांग्रेस ने डॉ. आबेडकर को हराने के लिए तिकड़म अपनाई।
लोकतंत्र को पहला झटका
भाजपा सांसद ने इसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला अध्याय बताते हुए कहा, “जिस व्यक्ति ने देश का संविधान बनाया, उसे कांग्रेस ने पहले ही चुनाव में अपमानित किया। यह केवल एक व्यक्ति को हराना नहीं था, बल्कि उस विचारधारा को दबाने की कोशिश थी जो समानता, अधिकार और न्याय की बात करती थी।
राहुल गांधी पर भी कसा तंज
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व अब लोकतंत्र की दुहाई दे रहा है, जबकि उनका इतिहास ही लोकतंत्र को कुचलने का रहा है। आज राहुल गांधी चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने तो संविधान निर्माता के साथ ही चुनावी छल किया था। इस बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है। कांग्रेस ने अब तक इस आरोप पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा 2024 के बाद के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस को इतिहास के आईने में घेरने की रणनीति अपना रही है।
पवन खेड़ा ने अनुराग ठाकुर के बयान पर किया पलटवार
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर के बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि वह मुद्दे को भटका क्यों रहे हैं? उन्होंने आज कुछ आंकड़े पेश किए। ये वायनाड और कन्नौज के आंकड़े थे। उनका कहना है कि वहा भी फर्जी वोट हैं। तो उन्होंने हमारी बात साबित कर दी है। अनुराग ठाकुर और भाजपा चुनाव आयोग पर वही सवाल उठा रहे हैं जो हमने उठाए थे। हमें एक विधानसभा क्षेत्र का यह आकड़ा सामने लाने में 4-6 महीने लग गए। उन्होंने दो संसदीय क्षेत्रों का आंकड़ा सामने रखा है। उन्हें यह कैसे मिला? इससे साबित होता है कि उनकी चुनाव आयोग से सांठगांठ है।
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