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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।AWACS का पूरा नाम है Airborne Warning and Control System। यह एक विशेष प्रकार का विमान होता है, जिसमें अत्याधुनिक रडार और सेंसर लगे होते हैं। इनकी मदद से यह विमान दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ज़मीनी या समुद्री वाहनों का पता लगाने, ट्रैक करने और नियंत्रण करने की क्षमता रखता है। इसे 'आकाश में आंख' भी कहा जाता है क्योंकि यह युद्ध के दौरान सैन्य कमांडरों को समय रहते खतरों की जानकारी देता है।
AWACS विमान के प्रमुख कार्य:
- अर्ली वॉर्निंग (पूर्व चेतावनी): दुश्मन के विमान, मिसाइल या अन्य खतरे को दूर से पहचानना।
- स्थिति जागरूकता (Situational Awareness): कमांडरों को आस-पास के वातावरण की रियल-टाइम जानकारी देना।
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल: अन्य सैन्य विमानों के संचालन और उनके बीच तालमेल को सुनिश्चित करना।
- कमांड और कंट्रोल: हवाई अभियानों के लिए एक फ्लाइंग कमांड सेंटर की तरह काम करना।
समुद्री निगरानी: समुद्र में होने वाली गतिविधियों और खतरों पर नजर रखना।
जानें दुनिया के प्रमुख देशों के AWACS
Boeing E-3 Sentry: यह विमान NATO और अमेरिकी वायुसेना द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
EL/W-2090 Phalcon: यह सिस्टम भारत और इज़राइल के संयुक्त सहयोग से विकसित हुआ है और वर्तमान में भारतीय वायुसेना में उपयोग हो रहा है।
DRDO Netra Mk-1A और Mk-2: यह स्वदेशी रूप से विकसित सिस्टम है जिसे DRDO और भारतीय वायुसेना द्वारा तैयार किया गया है।
AWACS की भूमिका
AWACS विमान आधुनिक युद्ध के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। ये विमान दुश्मनों की गतिविधियों की निगरानी, हवाई नियंत्रण, और रक्षा रणनीति के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें विशेष रूप से उन परिस्थितियों में तैनात किया जाता है जहाँ लंबी दूरी की निगरानी और हवाई समन्वय की आवश्यकता होती है।