रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। केंद्र सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसकी पार्टनर फर्म पर बड़ी देनदारी का नोटिस भेजा है। भारत सरकार ने यह नोटिस दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद जारी किया है। दरअसल यह विवाद कृष्णा- गोदावरी (केजी) बेसिन से जुड़ा है। 2013 में ओएनजीसी ने शक जाहिर किया कि उसका केजी डी5 और जी4 ब्लॉक का क्षेत्र रिलायंस के ब्लॉक से जुड़ा हुआ है। ओएनजीसी ने आरोप लगाया था कि इस क्षेत्र से उसके हिस्से की गैस निकाली जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर कम से कम चार कुंओं से ओएनजीसी के संसाधनों का दोहन करने का आरोप था।
डिमांड नोटिस के बाद गिरे कंपनी के शेयर
दिल्ली हाई कोर्ट की डबल जज बेंच के फैसले के बाद मंगलवार को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से 2.81 अरब डॉलर (24,522 करोड़ रुपये) का हर्जाना मांगा है। सरकार से मिले इस डिमांड नोटिस के बाद रिलायंस के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई। मामले में अब रिलायंस इंडस्ट्रीज सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। इसी बीच, पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज को भेजे गए डिमांड नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील आरके सिंह ने पूरी जानकारी दी।
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KG बेसिन से ONGC की गैस निकालने का मामला
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आरके सिंह ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का पहले भी गैस और ऊर्जा से संबंधित विवाद भारत सरकार से होता रहा है। 2016 में पेट्रोलियम मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.55 अरब डॉलर की मांग रखी थी, जिसे रिलायंस ने चुनौती दी थी। कृष्णा-गोदावरी बेसिन (KG-D6) से ओएनजीसी के हिस्से की गैस को अवैध तरीके से माइग्रेट करने के आरोप में रिलायंस इंडस्ट्रीज को डिमांड नोटिस जारी किया गया था।
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दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंचा मामला
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ब्रिटिश पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (Alpha) लिमिटेड और निको (NECO) के साथ मिलकर कृष्णा-गोदावरी बेसिन (KG-D6) में ओएनजीसी के ब्लॉक से कथित गैस माइग्रेशन के विवाद में आर्बिट्रल अवार्ड जीत लिया था। इसके बाद यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंचा, जहां सिंगल जज बेंच ने 9 मई 2023 को आर्बिट्रल अवार्ड के खिलाफ सरकार की अपील को खारिज कर दिया और मूल फैसले को बरकरार रखा।
डबल बेंच ने सिंगल बेंच का फैसला पलटा
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील आर.के. सिंह ने आगे बताया, "सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट की डबल जज बेंच में इस फैसले को चुनौती दी। 14 फरवरी को डबल बेंच ने सिंगल जज बेंच के फैसले को पलट दिया और कहा कि रिलायंस की देनदारी बनती है। रिलायंस को पैसे चुकाने होंगे।" एडवोकेट आरके सिंह ने बताया कि इसी बीच भारत सरकार ने 1.36 अरब डॉलर का अतिरिक्त डिमांड नोटिस जारी कर दिया है। अब कुल मिलाकर यह मामला 2.81 अरब डॉलर (लगभग 25 हजार करोड़ रुपये) का हो गया है।