Advertisment

BJP organization elections: भाजपा को इसी माह मिलेगा नया अध्यक्ष, जान लीजिए वजह

21 से 23 मार्च तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रतिनिधि बैठक होगी। बेंग्लुरु में होने में होने वाली इस तीन दिवसीय बैठक से पहले भााजपा ने अध्यक्ष चुनने का इरादा बनाया है। 

author-image
Dhiraj Dhillon
BJP Head Office

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
भाजपा को इसी माह नया अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके लिए भाजपा ने संगठन चुनावों में तेजी लाने का निर्णय लिया है। 21 से 23 मार्च तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रतिनिधि बैठक होगी। बेंग्लुरु में होने में होने वाली इस तीन दिवसीय बैठक से पहले भााजपा ने अध्यक्ष चुनने का इरादा बनाया है। पार्टी ने इसी इरादे से राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं। 14 मार्च तक छह और राज्यों राज्यों के संगठन चुनाव पूरे करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। बत‌ा दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए कम से कम 18 राज्यों में संगठन चुनाव पूरे होने जरूरी हैं। अभी तक केवल 12 राज्य में ही संगठन चुनाव हो पाए हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के ल‌िए आधे राज्यों में चुनाव जरूरी

भाजपा का संविधान कहता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए देश के कम से कम आधे राज्यों के संगठन चुनाव होने जरूरी हैं। इसीलिए भाजपा ने अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए छह और राज्यों में 14 मार्च तक सांगठनिक चुनाव पूरा करने का इरादा बनाया है। पार्टी की ओर से संबंधित राज्यों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करने के उद्देश्य से वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा को पहले ही केबिनेट में लिया जा चुका है।

काफी अहम मानी जाती है प्रतिनिधि सभा की बैठक

Advertisment
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की प्रतिनिधि सभा की बैठक काफी अहम मानी जाती है। इस बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष को लेकर रणनीति तैयार होगी। बता दें कि संघ की स्थापना 1925 में हुई थी, इसी साल दशहरे पर यह संगठन अपने सौ साल पूरे कर चुका होगा। इसलिए भाजपा चाहती है कि प्रतिनिधि सभा में नये अध्यक्ष ही प्रतिनिधित्व करें। अब तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, मेघालयए असम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप समेत 12 राज्यों में संगठन चुनाव हुए हैं।    

उत्तर प्रदेश को लेकर बड़ी समस्या

उत्तर प्रदेश के संगठन चुनाव एक तरह से समस्या का रूप ले चुके हैं। जिलाध्यक्षों की सूची कई बार केंद्रीय नेतृत्व को मिल चुकी है लेकिन पास नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा एक तिहाई से अधिक जिलों में नए अध्यक्ष देने जा रही है, लेकिन अभी तक सूची फाइनल नहीं हो पा रही है। इसके अलावा हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर कई बार माथापच्ची होने के बाद भी कोई सर्वमान्य नाम सामने नहीं आ सका है।
Advertisment

अब तक गिनती के राज्यों में हुआ है चुनाव

भाजपा का संगठन चुनाव जिन 12 राज्यों में अभी तक हुआ है, वे सब गिनती के राज्य हैं। ये राज्य छोटे भी हैं और देश की राजनीति में इनका उतना रोल भी नहीं रहता। सही मायने में कहा जाए तो ये गिनती के राज्य हैं, भाजपा किसी तरह से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए जरूरी राज्यों की संख्या पूरी करने में जुटी है। केंद्र शासित राज्यों को भी इस सूची में शामिल किया गया है। बड़े राज्यों में पार्टी को अंसतोष समेत तमाम डर हैं, इसलिए फूंक- फूंककर कदम रखने पड़ते हैं। उत्तर प्रदेश ऐसे राज्यों में सबसे बड़ा नाम है। वैसे भी उत्तर प्रदेश में महाकुंभ के चलते भी चुनाव में देरी हुई।

इन पांच राज्यों में चुनाव की तैयारी

पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का कोरम पूरा करने के ल‌िए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, और कर्नाटक में 14 मार्च तक संगठन चुनाव पूरे कराना चाहती है। इसी के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के ल‌िए सोशल इंजीनियरिंग में विचार विमर्श भी शुरू हो गया है। याद हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा मुख्यालय में आयोजित विजय उत्सव पार्टी में नयापन लाने के संकेत दिए थे। यूथ पर जोर दिया था। संगठन चुनाव में पीएम मोदी की उस बात का असर दिख सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी इस सोच से प्रेरित होगा।
Advertisment
Advertisment