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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क |अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। घटनास्थल पर जांच में मलबे से जांच अधिकारियों को एक ब्लैक बॉक्स मिल गया है। दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स मिलने के पहले विमान के मलबे से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद किया जा चुका है। यह ब्लैक बॉक्स और डीवीआर दोनों ही उपकरण विमान हादसों की जांच में बेहद अहम सबूत होता है, बिल्कुल वैसे ही जैसे आपराधिक मामलों में डीएनए साक्ष्य के तौर पर काम आता है। डीवीआर और ब्लैक बॉक्स की बरामदगी दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना के अंतिम क्षणों में क्या कुछ हुआ था, उसकी जानकारी देगी।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना | कुछ रिपोर्टों के विपरीत, प्रसारित किया जा रहा वीडियो रिकॉर्डर DFDR (डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) नहीं है। ब्लैक बॉक्स छत पर पाया गया। AAIB ने तुरंत पूरी ताकत से काम शुरू कर दिया। राज्य सरकार के 40 से अधिक कर्मचारियों ने साइट पर MoCA टीमों को बढ़ाने के… pic.twitter.com/qtDEu1ltZg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2025
क्या होता है ब्लैक बॉक्स
बता दें, ब्लैक बॉक्स दो हिस्सों में होता है। पहला फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और दूसरा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)। इनमें उड़ान से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारियां और पायलट्स की अंतिम बातचीत रिकॉर्ड होती है, जो यह समझने में मदद करती हैं कि टेकऑफ के बाद किन परिस्थितियों में हादसा हुआ। ये डिवाइस इतने मजबूत बनाए जाते हैं कि वो किसी भी भयंकर टक्कर और आग को झेल सकें। अब विशेषज्ञ इस ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण करेंगे ताकि हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।अधिकारियों को उम्मीद है कि इस ब्लैक बॉक्स से मिले इनपुट्स से पूरे घटनाक्रम की कड़ियां जुड़ेंगी और सटीक वजह सामने आ सकेगी।
डीवीआर और ब्लैक बॉक्स में अंतर
बता दें, डीवीआर (DVR) और ब्लैक बॉक्स दोनों डेटा रिकॉर्डिंग डिवाइस होते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य और इस्तेमाल का तरीका अलग होता है। DVR (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) आमतौर पर सिक्योरिटी कैमरों से वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सिस्टम विजुअल फुटेज को रिकॉर्ड करता है और उसे हार्ड ड्राइव या क्लाउड स्टोरेज में सेव करता है। इसका उपयोग अधिकतर निगरानी (surveillance) उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
वहीं, ब्लैक बॉक्स, जिसे तकनीकी रूप से फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) कहा जाता है, खासतौर पर विमान के लिए बनाया गया होता है। इसमें उड़ान के दौरान विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन थ्रस्ट जैसी तकनीकी जानकारियों के साथ-साथ कॉकपिट में पायलट्स की बातचीत रिकॉर्ड होती है। ब्लैक बॉक्स को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वह किसी भी विमान दुर्घटना में भीषण आग और टक्कर झेलकर भी डेटा को सुरक्षित रख सके। यही वजह है कि विमान हादसों की जांच में ब्लैक बॉक्स सबसे अहम सबूत माना जाता है।
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