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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। विदेश मंत्री जयशंकर ने टैरिफ पर तनाव और विवाद के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज, अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और विश्व व्यवस्था को स्थिर करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। लेकिन यह भी उतना ही आवश्यक है कि हम चल रहे संघर्षों पर भी ध्यान दें, खासकर इसलिए क्योंकि उनके विकास और आपूर्ति शृंखला पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं।
सुधार पर विचारों का आदान-प्रदान उचित होगा
ब्रिक्स नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "ब्रिक्स के सदस्य विभिन्न प्रकार के समाजों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो इन घटनाक्रमों से गहराई से प्रभावित हैं। अतीत में भी, हमारा प्रयास अपनी-अपनी राष्ट्रीय नीतियों के बीच समान आधार खोजने और उसके आधार पर कार्य करने का रहा है। इसके अलावा, जैसे-जैसे हम अगले संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र की ओर बढ़ रहे हैं, बहुपक्षवाद में सुधार पर विचारों का आदान-प्रदान उचित होगा।
विभिन्न क्षेत्रों में उनके विकास को प्रोत्साहित करें
उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से विश्व व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पूर्वानुमानित वातावरण की तलाश कर रहा है। साथ ही, यह भी आवश्यक है कि आर्थिक प्रथाएं निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के हित में हों। जब कई व्यवधान हों, तो हमारा उद्देश्य ऐसे झटकों से सुरक्षा प्रदान करना होना चाहिए। इसका अर्थ है अधिक लचीली, विश्वसनीय, अनावश्यक और छोटी आपूर्ति शृंखलाएं बनाना। इतना ही नहीं, यह भी आवश्यक है कि हम विनिर्माण और उत्पादन का लोकतंत्रीकरण करें और विभिन्न क्षेत्रों में उनके विकास को प्रोत्साहित करें। भौगोलिक क्षेत्रों में प्रगति से क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता में योगदान मिलेगा और अनिश्चितता के समय चिंताएँ कम होंगी..."
टैरिफ पर भी सम्मेलन में हुई चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स' समूह के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह शिखर सम्मेलन ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने आयोजित किया। इसका उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के ‘टैरिफ' विवाद से निपटने के लिए एक साझा दृष्टिकोण तैयार करना और वाशिंगटन की व्यापार नीतियों के कारण पैदा हुए व्यवधानों पर चर्चा करना है।
क्या बैंलेस बना रहा भारत?
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का नेतृत्व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्थान पर विदेश मंत्री जयशंकर ने किया। कुछ एक्सपर्ट इसे भारत की विदेश नीति की स्थिति को संतुलित करने के लिए एक सोच समझकर उठाया गए कदम के रूप में देख रहे हैं। भारत अगले ही साल ब्रिक्स के अध्यक्ष पद को संभालने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स के लेकर यह संदेह बार बार जाहिर की है कि यह मोर्चा डॉलर को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। वैसे भारत ने ऐसी किसी भी मंशा से इनकार किया है। BRICS vs G7 | BRICS Expansion | BRICS Summit 2025 | trump tariff brics