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सीईसी ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयोग को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा, हमलावर हुई कांग्रेस

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग को शर्मिंदा करने की जरूरत है, क्योंकि उसने आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने के शीर्ष अदालत के पहले के निर्देश का निर्लज्जता के साथ उल्लंघन किया।

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Mukesh Pandit
Congress leader JAIRAM RAMESH

Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कांग्रेस चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रवैया को लेकर ज्यादा आक्रामक हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग को शर्मिंदा करने की जरूरत है, क्योंकि उसने आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने के शीर्ष अदालत के पहले के निर्देश का निर्लज्जता के साथ उल्लंघन किया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और आयोग को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। 

आधार कार्ड को 12 वां दस्तावेज माना

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह चुनावी राज्य बिहार में एसआईआर में मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए ‘आधार’ को 12वें निर्धारित दस्तावेज के रूप में शामिल करे। फिलहाल, बिहार में एसआईआर के लिए 11 निर्धारित दस्तावेज हैं, जिन्हें मतदाताओं को अपने प्रपत्रों के साथ जमा करना होगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि ‘आधार’ नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा और आयोग मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए मतदाता द्वारा प्रस्तुत आधार कार्ड संख्या की वास्तविकता का पता लगा सकता है। 

निर्वाचन आयोग को शर्मिंदा किया जाना चाहिए

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने के न्यायालय के निर्देश का निर्लज्जता के साथ अनुपालन नहीं करने के लिए निर्वाचन आयोग को शर्मिंदा किया जाना चाहिए। आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने तीसरी बार यह बात दोहराई कि मतदाताओं को पंजीकृत करने के लिए आधार को वैध पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जानबूझकर वैध मतदाताओं के पंजीकरण को असुविधाजनक बनाने के लिए बार-बार बाधाएं पैदा की जा रही हैं। 

आयोग की खुद की पैदा की गई गड़बड़ी

रमेश ने कहा, आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए को मान्यता देने से इनकार कर दिया, आधार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और यहां तक ​​कि अधिकारियों को केवल उसके द्वारा निर्धारित दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए नोटिस भेजा। उन्होंने दावा किया, ध्यान रखें कि यह निर्वाचन आयोग द्वारा खुद की पैदा की गई गड़बड़ी है।

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 चुनाव के इतने करीब ‘जी2’ के अलावा किसी ने भी एसआईआर की मांग नहीं की। ‘जी2’ के अलावा किसी ने भी इसे इतनी अयोग्यता से संचालित करने के लिए नहीं कहा कि उच्चतम न्यायालय को बुनियादी छानबीन और संतुलन सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।’’ रमेश ने कहा, ‘‘समझने में कोई गलती न करें, हम सत्तारूढ़ शासन के खिलाफ और निर्वाचन आयोग के होने के बावजूद चुनाव लड़ रहे हैं। सीईसी और जिस संस्थान के वह प्रमुख हैं, उसे इतिहास माफ नहीं करेगा। CEC Gyanesh Kumar news | CEC Gyanesh Kumar | CEC Gyanesh Gupta news | Jairam Ramesh 

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