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100 फीट नीचे बन रहा Bullet train station, मुंबई-अहमदाबाद की दूरी 3 घंटे में होगी तयuti

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "काम तेज़ गति से चल रहा है। सबसे निचले बेसमेंट-बी3 पर काम चल रहा है।स्टेशन की दीवारें बनाने का काम शुरू हो गया है।

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Jyoti Yadav
Bullet train station built 100 feet below Mumbai Ahmedabad distance covered 3 hours
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मुंबई, वाईबीएन डेस्क | केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण किया। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "काम तेज़ गति से चल रहा है। सबसे निचले बेसमेंट-बी3 पर काम चल रहा है।स्टेशन की दीवारें बनाने का काम शुरू हो गया है। सुरंग का काम भी चल रहा है। स्टेशन के ऊपर एक बहुमंजिला इमारत बनाई जाएगी। B-3 पर कारें पार्क की जाएंगी, B-2 पर ऑपरेशनल काम होगा और B-1 और ग्राउंड लेवल पर यात्री स्टेशन में प्रवेश करेंगे। यहां एक विश्व स्तरीय स्टेशन बनाया जा रहा है।"

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देश की पहली बुलेट ट्रेन

बता दें, ये देश की पहली बुलेट ट्रेन है, जो अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली है। साल 2026 में बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने की संभावना है। यह कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है। इस परियोजना की लागत करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये है।
महाराष्ट्र में हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन बनाने का काम शुरू हो गया है।  बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन को मुंबई शहर से 100 फीटे नीचे बनाया जा रहा है। यह स्टेशन इस कॉरिडोर का एकमात्र अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन है। NHSRCL के मुताबिक, तीनों एलिवेटेड स्टेशनों पर काम शुरू हो गया है। 

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जापान के सहयोग से बन रहा है बुलेट ट्रेन 

बुलेट ट्रेन की शुरुआत के बाद, मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय 5-6 घंटे से घटकर 3 घंटे रह जाएगा। मुंबई में BHKC स्टेशन भूमिगत बनाया जा रहा है, जो शहर से 100 फीट नीचे है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर, मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की दूरी 3 घंटे से भी कम समय में तय की जा सकेगी। 92% यानी 468 किलोमीटर ट्रैक एलिवेटेड होगा। बुलेट ट्रेन 70 हाइवे और 21 नदियों को पार करेगी। इस कॉरिडोर में कुल 12 स्टेशन होंगे। 2026 में सूरत और बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर के हिस्से पर ट्रायल रन किया जाएगा। जापान सरकार ने इस परियोजना के लिए भारत को 0.1% की बेहद कम ब्याज दर पर 88,000 करोड़ रुपये का सॉफ्ट लोन दिया है, जिसकी वापसी अवधि 50 साल है। 

 

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