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Cabinet Meeting: नए आयकर बिल को मंजूरी, बजट सेशन में होगा पेश, टैक्स स्ट्रक्चर होगा सरल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नए आयकर बिल को भी मंजूरी दे दी गई है। इस बिल को बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। इसके पारित होने से आयकर नियमों में परिवर्तन हो जाएगा। 

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Mukesh Pandit
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Photograph: (File)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नए आयकर बिल को भी मंजूरी दे दी गई है।  यह बिल टैक्सेशन सिस्टम में सुधार के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार अगले सप्ताह  नए इनकम टैक्स बिल पेश करेगी। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना 'स्किल इंडिया कार्यक्रम (एसआईपी)' को 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन के लिए 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी। साथ ही राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) के कार्यकाल को तीन और साल के लिए बढ़ाने को मंजूरी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। 

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एनसीएस के विस्तार पर 50.91 करोड़ खर्च होगा

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मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के इस विस्तार का कुल वित्तीय बोझ लगभग 50.91 करोड़ रुपये पड़ेगा। आयोग का वर्तमान कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त होना था और इसे 31 मार्च 2028 तक बढ़ा दिया गया है। सरकार ने  कहा कि इससे सफाई कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में मदद मिलेगी, सफाई क्षेत्र में काम करने की स्थिति में सुधार आएगा और जोखिम की स्थिति वाले स्थानों पर सफाई के दौरान सफाईकर्मी की मृत्यु न होने देने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। आयोग का कार्य सफाई कर्मचारियों की स्थिति, सुविधाओं और अवसरों में असमानताओं को समाप्त करने की दिशा में केंद्र सरकार को विशिष्ट कार्ययोजना की सिफारिश करना है। 

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कौशल भारत कार्यक्रम को 8 हजार करोड़ का ऐलान

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प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0), प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना (पीएम-एनएपीएस) और जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना अब 'स्किल इंडिया कार्यक्रम' की समग्र केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत जोड़ दिए गए हैं। पीएमकेवीवाई 4.0 के लिए 6,000 करोड़ रुपये, पीएम-एनएपीएस के लिए 1,942 करोड़ रुपये और जेएसएस के लिए 858 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पीएमकेवीवाई 4.0 में कौशल विकास प्रशिक्षण को उद्योग उन्मुख बनाने, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाने और पहुंच बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी बदलाव किए गए हैं। इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण बदलाव अल्पकालिक कौशल कार्यक्रमों के भीतर 'नौकरी के साथ प्रशिक्षण' का एकीकरण है। 

2.27 करोड़ से ज्यादा हैं लाभार्थी

 इन पहलों का उद्देश्य सुगठित कौशल विकास, नौकरी पर प्रशिक्षण और समुदाय-आधारित शिक्षा प्रदान करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वंचित समुदायों सहित शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली व्यावसायिक शिक्षा तक पहुंच मिले.' कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की तीन प्रमुख योजनाओं के तहत इस समय करीब 2.27 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं। उद्योग की उभरती मांगों और नए दौर की प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों एवं भविष्य के कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए एआई, 5जी प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, हरित हाइड्रोजन, ड्रोन तकनीक पर 400 से अधिक नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

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वाल्टेयर रेल मंडल का नाम बदला

मंत्रिमंडल ने वाल्टेयर रेल मंडल को विभाजित रूप में बनाए रखने और इसका नाम बदलकर विशाखापत्तनम मंडल करने के मंत्रिमंडल के पूर्व के निर्णय में आंशिक संशोधन किया। वाल्टेयर मंडल का एक हिस्सा, जिसमें लगभग पलासा-विशाखापत्तनम-दुव्वाडा, कुनेरू-विजयनगरम, नौपाड़ा जंक्शन-परलाखेमुंडी, बोब्बिली जंक्शन-सलूर, सिम्हाचलम उत्तर-दुव्वाडा बाईपास, वडालापुडी-दुव्वाडा और विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र-जग्गयापालम (लगभग 410 किलोमीटर) स्टेशनों के बीच के खंड शामिल हैं, को नये दक्षिण तटीय रेलवे के तहत वाल्टेयर मंडल के रूप में बनाए रखा जाएगा। बयान में कहा गया है कि इसका नाम बदलकर विशाखापत्तनम मंडल रखा जाएगा क्योंकि, वाल्टेयर नाम एक औपनिवेशिक विरासत है जिसे बदलने की आवश्यकता है।

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