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"भारत को 48 घंटे में घुटने पर लाना चाहता था पाक", CDS ने बताई सीजफायर की सच्चाई

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान का उद्देश्य 48 घंटे में भारत को झुकाना था, लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई से वह 8 घंटे में ही पस्त हो गया और फिर बातचीत की पेशकश की।

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Pratiksha Parashar
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CDS Anil Chauhan
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर CDS अनिल चौहान (CDS Anil Chauhan) का एक और बयान सामने आया है। मंगलवार को सीडीएस अनिल चौहान ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष और सीजफायर (Ceasefire) पर बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान का मकसद 48 घंटे में भारत को घुटनों पर लाना था, लेकिन जब वह 8 घंटे में ही पस्त पड़ गया तो उसने भारत के सामने बातचीत की पेशकश की। 

कैसे गिड़गिड़ाया पाकिस्तान?

पुणे के एक विश्वविद्यालय में 'भविष्य के ‘Future Wars and Warfare' विषय पर संबोधित करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा, "10 मई को लगभग 1 बजे,  पाकिस्तान का उद्देश्य 48 घंटों में भारत को घुटनों पर लाना था। कई हमले किए गए और किसी तरह से, उन्होंने इस संघर्ष को बढ़ा दिया, जिसमें हमने वास्तव में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। ऑपरेशन जो उन्होंने सोचा था कि 48 घंटे तक चलेगा, लगभग 8 घंटे में बंद हो गया और फिर उन्होंने टेलीफोन उठाया और कहा कि वे बात करना चाहते हैं।"

कितना नुकसान हुआ?

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि जब मुझसे हमारे पक्ष में हुए नुकसान के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं हैं। परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं, ये महत्वपूर्ण है। नुकसान के बारे में बात करना बहुत सही नहीं होगा। सीडीएस ने कहा, "मान लीजिए कि आप एक क्रिकेट टेस्ट मैच में जाते हैं, और आप एक पारी से हार जाते हैं, तो कितने विकेट, कितनी गेंदें और कितने खिलाड़ी हैं, इसका कोई सवाल ही नहीं है। तकनीकी मापदंडों के आधार पर, हम यह विशेष डेटा निकालेंगे और आपके साथ साझा करेंगे। हम आपको बताएंगे कि हमने कितने विमान नष्ट किए और हमने कितने रडार नष्ट किए। हम इसका एक मोटा आकलन करेंगे और जल्द ही इसके बारे में बताएंगे।"

युद्ध पर क्या बोले सीडीएस?

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि युद्ध और युद्ध मानव जाति के राजनीतिक इतिहास का पर्याय हैं, और युद्ध मानव सभ्यता जितना ही पुराना है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मेरा मानना ​​है कि प्रभुत्व और आत्म-संरक्षण मानव स्वभाव का हिस्सा हैं। मुझे लगता है कि किसी भी तरह के युद्ध में दो महत्वपूर्ण तत्व शामिल होते हैं: हिंसा और उस हिंसा के पीछे की राजनीति। हिंसा का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह अनिवार्य रूप से दुश्मन पर अपनी इच्छा थोपना है।"  india pakistan | Ceasefire

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